छत्तीसगढ़ में इस स्कूल में अनोखा रहस्य, यहां अचानक बेहोश हो जाती हैं छात्राएं… जानिए क्या है ये मिस्ट्री

Unique mystery in this school in Chhattisgarh, girl students suddenly faint here... know what is this mystery
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बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में प्रकृति की गोद में बसा है भैंसबोड़ गांव। यहां पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भी संचालित होता है। इस विद्यालय में एक रहस्य है। जिसका पता आज तक नहीं लगा है। कई वर्षों से यहां पर एक ऐसी घटना घटित होती है जिसमें सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल, यहां पढ़ने वाली छात्राएं रहस्यमयी ढंग से बेहोश हो जाती है और अजीब से आवाजें भी निकालने लगती हैं। परंतु यह क्यों होता है, किस कारण से होता है इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग भी काफी चिंतित है। कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य विभाग ने उच्च विद्यालय में कैंप लगाया गया था। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि अब स्वास्थ्य विभाग ने एक रेगुलर मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति कर दी है। इस विद्यालय को लेकर पूरे गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में इस बात की चर्चा है कि इस विद्यालय में किसी अदृश्य शक्ति का प्रकोप है। लोगों का कहना है कि यही शक्ति छात्राओं को परेशान करती हैं। जिस कारण से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग तमाम कोशिशों के बावजूद भी छात्राओं के बेहोश होने के कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है। यह एक मिस्ट्री के रूप में जन्म ले रही है।

स्कूल में बंधा हुआ है नारियल
स्कूल की सभी खिड़कियों में लाल कलर के कपड़े में कुछ झाड़-फूंक वाली चीजें बंधी हुई हैं। वहीं, स्कूल परिसर में नारियल भी बांधा गया है। कहीं ना कहीं काली शक्तियों को रोकने का एक प्रयास है। इस स्कूल में अंधविश्वास भी जमकर है। यहां के लोग भूत-प्रेत भगाने वाले तांत्रिकों पर भी निर्भर हैं। विद्यालय में भूत प्रेत को लेकर अंधविश्नास इस तरह से हावी है कि यहां पर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया है। गांव में ही एक तांत्रिक रहते हैं जब भी छात्राएं बेहोश होती हैं अक्सर हेमलाल को बुलाया जाता है।

हेमलाल ने बताया कि उन्हें ऐसा लगता है कि विद्यालय में कुछ अदृश्य शक्तियों का प्रकोप है। छात्रों को परेशान कर रही हैं। स्कूल के रक्षा के लिए कवच तैयार किया गया है। नारियल बांधे गए और हनुमान चालीसा का पाठ भी कराया जा चुका है।

छात्रों की होती है काउंसिलिंग
पूरी घटना को लेकर जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी जेएल उइके ने बताया कि मनोवैज्ञानिक ढंग से यहां पर छात्राएं बेहोश होती हैं। हमाने कैंप भी लगाया गया। उन्होंने बताया कि 13 बच्चे बेहोश हुए थे जिन का इलाज किया गया और 2 दिनों तक कैंप लगाकर छात्राओं से काउंसलिंग करने की कोशिश भी की जा रही है। कुछ लोग इसे साइकोलॉजिकल थ्योरी बता रहे हैं तो कुछ इसे भूतों का प्रकोप।

अक्सर होती है घटना
स्कूल के प्राचार्य ने भी बताया कि यहां पर इस तरह की घटनाएं होती हैं। यह रहस्यमयी ढंग से भी होती हैं। जनवरी महीने में लगातार छात्राएं बेहोश हो रही हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी है। स्वास्थ विभाग ने कैंप भी लगाया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि हर संभव मदद छात्राओं को की जाएगी। स्कूल परिसर में एक अस्थाई रूप से कमरे को क्लीनिक का रूप दिया गया है। मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। एक बेड भी लगाया गया है।