उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर फिलहाल रोक लगा रखी है। कोर्ट के आज के फैसले के बाद तारीखों पर भी चुनाव आयोग कोई घोषणा कर सकता है।
आज सरकार को देना है हलफनामा
हाईकोर्ट ने सोमवार को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर रोक लगाई थी। मंगलवार को सरकार के अनुरोध पर कोर्ट ने आज यानी 14 दिसंबर की तारीख दी है। आज राज्य सरकार कोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर हलफनामा देना है। आज तक के लिए ही कोर्ट की अधिसूचना जारी करने पर भी रोक है।
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में ओबीसी आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया का पालन ना करने की बात कही गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने चुनाव की अधिसूचना पर रोक लगाई है और सरकार से जवाब मांगा है।
याचिका में राज्य सरकार पर आरोप
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण जारी करने से पहले ट्रिपल टेस्ट किए जाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के साफ निर्देशों के बावजूद राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के बिना ही 5 दिसंबर को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इसमें जिसमें ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को भी शामिल किया गया।
नगर निगमों में आरक्षण की स्थिति
उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगम में मेयर पद के लिए 2 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इन दो में से एक सीट महिला के लिए रिजर्व है। उत्तर प्रदेश नगर निगम में 4 सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं। इसमें से 2 सीटें महिला के लिए आरक्षित हैं।