अभी अभीः 27 महीने बाद जेल से बाहर आये आजम खान, गुमशुम हुई हालत, देखकर होंगे हैरान

Just now: Azam Khan came out of jail after 27 months, has become such a condition
Just now: Azam Khan came out of jail after 27 months, has become such a condition
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लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान (Azam Khan) आज जेल से रिहा हो गए। आजम 27 महीने बाद ‘आजाद’ हुए। उन्हें 88 मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी थी। बाहर निकले तो बड़े गुमसुम दिखे। उन्हें रिसीव करने के लिए शिवपाल यादव के साथ सपा के विधायक आशु मलिक और दोनों बेटे सीतापुर जेल पहुंचे हुए थे। अखिलेश यादव या सपा का कोई बड़ा नेता नहीं दिखा। जेल से बाहर निकले तो शिवपाल यादव से गर्मजोशी से मिले। कुछ बातें हुईं। फोटो खींचे गए और आजम खान बेटे की कार में आगे वाली सीट पर जाकर बैठ गए। आजम के समर्थकों और मीडिया का भारी जमावड़ा था। वह मीडिया से कुछ बोले तो नहीं पर हाथ हिलाकर अभिवादन जरूर किया। शिवपाल ने मुलाकात की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, ‘स्वागत एवं शुभकामनाएं।’

आजम आज भी हमारे साथी हैं…
आजम को लेकर जब शिवपाल यादव का काफिला निकला तो उन्होंने गाड़ी रोक कर मीडिया से बात की। शिवपाल ने कहा कि न्याय की जीत हुई है, आजम खान साहब की जीत हुई है। लड़ाई में क्या वह आपके साथ आएंगे? जब पत्रकारों ने सवाल किया तो शिवपाल ने कहा कि हम लोग समाजवादी हैं और हमेशा नेताजी से हम लोगों ने सीखा है सुख और दुख में साथ रहना और कहीं पर भी सुख-दुख में अगर साथी संकट में हैं….। आजम भाई हमारे साथी रहे हैं और आज भी हैं।

यह पूछे जाने पर कि आजम खान के परिवार के लोग इस बात से नाराज हैं कि उनसे मिलने अखिलेश यादव नहीं आए? शिवपाल ने कहा कि ये तो अखिलेश यादव से पूछिए न, आजम भाई हमारे साथी हैं। हमारी बात आज भी हुई और आगे भी होती रहेगी।

इससे पहले आजम खान को जेल से रिसीव करने जाते समय आज सुबह शिवपाल यादव ने ट्वीट किया, ‘सूबे के आवाम के लिए यह सुखद है कि आजम खान साहब आज उनके चाहने वालों के बीच होंगे… मैं सीतापुर के लिए निकल चुका हूं, उत्तर प्रदेश के क्षितिज पर नया सूरज निकल रहा है।आइए, आजम खान साहब का इस्तकबाल करें।’

अखिलेश ने ट्वीट से किया आजम का स्वागत
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि सपा के वरिष्ठ नेता और विधायक माननीय श्री आज़म ख़ान जी के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है। जमानत के इस फ़ैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नए मानक दिए हैं। पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुक़दमों में बाइज़्ज़त बरी होंगे। झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं!