उत्तराखंड: विनाश की कगार पर खड़े गिद्धों ने पतरामपुर में जमाया डेरा, मॉनिटरिंग में जुटा वन विभाग

Uttarakhand: Vultures standing on the verge of destruction encamped in Patrampur, forest department engaged in monitoring
Uttarakhand: Vultures standing on the verge of destruction encamped in Patrampur, forest department engaged in monitoring
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उधम सिंह नगर: विलुप्त होने की कगार वाली प्रजातियों में गिने जाने वाले गिद्धों (Vultures) ने इनदिनों तराई पश्चिमी डिवीजन रामनगर की रेंज पतरामपुर में अपना डेरा जमाया हुआ है. गिद्धों के झुंड दिखाई देने से वन विभाग में उत्साह देखने को मिल रहा है. वन विभाग इन गिद्धों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट मोड में नजर आ रहा है. गिद्धों की सुरक्षा के मद्देनजर उनकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है.

विलुप्ति की कगार पर खड़े गिद्धों का दिखना शुभ संकेत
वन क्षेत्राधिकारी ललित आर्य ने बताया कि पिछले एक दशक के सर्वेक्षण में पता चला है कि गिद्धों की संख्या में 97 प्रतिशत की कमी आई है. गिद्ध पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में काफी मदद करते हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों ने इस बात की चिंता जाहिर की है. उन्होंने इस विलुप्त हो रही प्रजातियों की संरक्षण के लिए कुछ किया जाए है. बीच में गिद्ध दिखना बंद हो गए थे. लेकिन बीते कुछ दिनों से कहीं-कहीं पर गिद्ध नजर आ रहे हैं. यह शुभ संकेत है. इनके संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है.

लोगों को किया जा रहा जागरूक
वन क्षेत्राधिकारी ने आगे बताया कि हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि पशुओं को प्रतिबंधित दवाएं ना दें. जैसे- डाइक्लोफेनिक. पूर्व में इस दवाई का पशुओं को अत्यंत सेवन कराया जाता था. पशुओं के मृत शरीर को भोजन बनाने वाले गिद्ध इस दवा के दुष्प्रभाव की चपेट में आये थे. ऐसी ही दवाइयों के चलते गिद्धों की मौतों में अत्यधिक वृद्धि हुई. बता दें कि पशुओं को दी जाने वाली डाइक्लोफेनिक के उपयोग पर केंद्र सरकार साल 2008 में प्रतिबंध लगा चुकी है.

उत्तर प्रदेश में दिखे थे हिमालयन गिद्ध
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिमालयन गिद्ध नजर आए थे. पिछले दिनों कानपुर में हिमालयन गिद्ध दिखा था. इसके बाद कौशांबी और फिर देवरिया में भी हिमालयन गिद्ध मिला था. गिद्ध मिलने की सूचना स्थानीय पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को दी गई. सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और गिद्ध को अपने साथ ले गयी. दरअसल देश में गिद्ध विलुप्त की श्रेणी में आ गए हैं. सरकार इनके संरक्षण के लिए कई योजनाएं भी चला रही है.