कौन हैं काजल निषाद, जिन्हें योगी के गढ़ गोरखपुर से अखिलेश ने सपा के टिकट पर उतारा

Who is Kajal Nishad, whom Akhilesh fielded on SP ticket from Yogi's stronghold Gorakhpur?
Who is Kajal Nishad, whom Akhilesh fielded on SP ticket from Yogi's stronghold Gorakhpur?
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Lok Sabha polls 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां जोर-शोर पर है. ऐसे में 30 जनवरी 2024 को समाजवादी पार्टी ने 16 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. डिंपल यादव, अवधेश प्रसाद, अनु टंडन, रामप्रसाद चौधरी से लेकर काजल निषाद के नाम इस सूची में शामिल हैं. मगर काजल निषाद एक ऐसा नाम है जिसपर लोगों की नजरें थम गई हैं. क्योंकि सपा ने इन्हें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर से चुनावी मैदान में उतारा है. मनोरंजन जगत से आने वाली काजल निषाद आखिर कौन हैं? क्या इनका फिल्म और टीवी इंडस्ट्री से लेना देना है? और क्या इनकी राजनीति पारी रही है. आइए सबकुछ बताते हैं.

कौन हैं काजल निषाद?

काजल निषाद राजनीति के अलावा एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में भी एक्टिव रही हैं. जिन्होंने ‘लापतागंज’ जैसे कॉमेडी शो में काम किया है तो कई भोजपुरी फिल्मों में भी छाप छोड़ चुकी हैं.काजल निषाद का जन्म गुजरात के कच्छ में हुआ. लेकिन वह करियर के लिए मुंबई आ गईं और यहीं फिल्मों और शोज में काम किया. साल 2009 में उन्होंने ‘लापतागंज’ शो में ‘चमेली’ के रोल से करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद भोजपुरी सिनेमा में उनकी पहली फिल्म ‘शादी ब्याह’ थी.काजल निषाद को करियर के दौरान साथ मिला संजय निषाद का. जो पेशे से भोजपुरी फिल्मों के प्रोड्यूसर हैं. एक्ट्रेस के पति गोरखपुर के रहने वाले हैं. हालांकि दोनों के बच्चों से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिलती है.

कहां की रहने वाली हैं काजल निषाद

काजल निषाद का राजनीतिक करियर

बेशक लोकसभा चुनाव 2024 में काजल अपनी किस्मत अजमाने जा रही हैं. लेकिन एक वक्त था जब उन्होंने राजनैतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी. कांग्रेस की टिकट से उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव 2012 लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

कब आईं सपा में

साल 2021 में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में काजल निषाद की एंट्री हुई थी. साल 2022 में काजल ने कैम्पियरगंज सीट से चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इतना ही नहीं, अखिलेश यादव ने अप्रैल 2023 में भी काजल निषाद पर दांव खेला था. सपा ने गोरखपुर में मेयर पद के लिए काजल को प्रत्याशी बनाया था. लेकिन वह ये चुनाव भी हार गई थीं और उन्होंने बीजेपी पर वोटों की गिनती में गड़बड़ी का आरोप लगाया था.

क्या इस बार मिलेगी जीत?

तीसरे साल में जाकर उन्हें सपा ने एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी हैं. अब देखना ये होगा कि उन्हें लोकसभा चुनाव में जीत मिलती है या हार. लेकिन ये जरूर साफ है कि आज की तारीख में काजल के पास कई सालों का राजनैतिक अनुभव है. जिसका फायदा और फेमस पर्सनैलिटी होने का लाभ जरूर मिल सकता है.