हल्द्वानी: उत्तराखंड में पतियों के खिलाफ पत्नियां शातिर चाल रहीं हैं। पूरा मामला जानकर तो पुलिस भी दंग रह गई है। पुलिस विभाग ने महिलाओं की शिकायतों को त्वरित निस्तारण के लिए गौरा शक्ति योजना शुरू की। इसमें महिलाओं की शिकायत महिला हेल्प डेस्क के जरिये सुनी जा रही हैं, लेकिन यहां दर्ज होने वाली 62 फीसदी शिकायतें पुलिस जांच में आधारहीन निकल रहीं हैं। ऐसी शिकायतों को हेल्प डेस्क से खारिज कर दिया जा रहा। आंकड़ों के अनुसार, झूठी शिकायतें दर्ज कराने के मामले में हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंह नगर जिले प्रदेश में सबसे आगे हैं। महिलाओं की शिकायतों को संवेदनशील माना गया है। इसलिए प्रदेश में प्रत्येक थाने में अलग से महिला हेल्प डेस्क कार्य कर रही
है।
बीते वर्ष के आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश भर में 17,106 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से 62 फीसदी (10668) शिकायतों को हेल्प डेस्क से ही निस्तारित कर दिया गया। इस दौरान पड़ताल में सामने आया कि कई शिकायतें झूठी तो कई आधारहीन भी थीं। हेल्प डेस्क ने 4,807 शिकायतों की जांच की और परिजनों को आमने-सामने बैठाकर निस्तारित किया। इसके अलावा 1,485 शिकायतें ऐसी मिलीं, जो गंभीर थीं। इन शिकायतों में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। नैनीताल में चम्पावत, पौड़ी और उत्तरकाशी से भी कम शिकायतें: अपराध के मामले में नैनीताल जिला अन्य की अपेक्षा काफी ऊपर है, लेकिन महिला संबंधी मामलों में नैनीताल हेल्प डेस्क में चम्पावत (686), पौड़ी (828), उत्तरकाशी (452) से कम शिकायतें मिली हैं।
गढ़वाल की महिलाओं की शिकायत औसत
हरिद्वार और देहरादून अलावा गढ़वाल मंडल के अन्य जिलों की महिलाओं की शिकायतें भी आधारहीन पाई गई हैं। इनमें पौड़ी की 828 में से 609, उत्तरकाशी की 452 में 255, टिहरी की 361 में 294, रुद्रप्रयाग की 172 में 99 और चमोली की 261 में से 170 शिकायतें आधारहीन होने पर खारिज की गईं। इसके अलावा रेलवे के पास आई 18 शिकायतों में से 12 गलत निकलीं।
प्रदेश में पांच जिलों में मिलीं सबसे अधिक शिकायतें
जिला कुल खारिज अभियोग अन्य प्रकार
मामले शिकायतें पंजीकृत से निस्तारण
हरिद्वार 3686 2495 447 744
देहरादून 3857 2632 285 940
यूएसनगर 2909 1355 492 1062
अल्मोड़ा 1390 1240 06 144
पिथौरागढ़ 1478 812 00 666 (स्रोत: यह आंकड़े वर्ष 2022 में दर्ज शिकायतों के आधार पर हैं।)
महिला संबंधी शिकायतों का पुलिस तत्परता से संज्ञान लेती है। कई शिकायतों का निस्तारण हेल्प डेस्क से कर दिया जाता है। कुछ शिकायतों में जांच कर आपसी सुलह कराई जाती है। गंभीर शिकायतों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
डॉ.नीलेश आनंद भरणे, आईजी, कुमाऊं