रक्षाबंधन के बाद होगा योगी मंत्रिमंडल का विस्तार, इन्हें मिलेगा मौका

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लखनऊ। यूपी में रक्षाबंधन के बाद होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार सहयोगी दलों को भी जगह दी जाएगी। यूपी में अपना दल से आशीष पटेल और निषाद पार्टी से डॉ. संजय निषाद को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। सहयोगी दल के साथ पिछड़े वर्ग के नेताओं को कैबिनेट में जगह देकर बीजेपी यूपी में एक तीर से दो निशाना साधने वाली है। इसके अलावा नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी से एक ब्राह्मण के अलावा दलित, गुर्जर और जाट विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर गुरुवार को देर रात तक बैठक चली थी। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल के साथ हुए मंथन में 5-6 नामों को तय कर लिया गया है। केंद्रीय नेतृत्व को प्रदेश बीजेपी ने 24 या 27 अगस्त की तारीख सुझाई है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद रक्षाबंधन के बाद किसी भी दिन मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है।

मंत्रिमंडल विस्तार में ओबीसी चेहरों को बढ़ावा
कैबिनेट फेरबदल से सहयोगी दलों के साथ ही योगी सरकार पिछड़े वर्ग को भी साधने की तैयारी में है। कुर्मी, निषाद और राजभर समाज के चेहरों को मंत्री पद देकर प्रमोट किए जाने की संभावना है। पिछले दिनों केंद्र सरकार के कैबिनेट विस्तार में रेकॉर्ड 27 ओबीसी नेताओं को शामिल किया गया था। तब इसे यूपी चुनाव को देखते हुए केंद्र का दांव माना गया था। यूपी में पिछड़ों की आबादी कुल जनसंख्या की तकरीबन आधी बताई जाती है।

विद्यासागर, जितिन को मिलेगा मौका
बीजेपी ने सहयोगी दलों के अलावा एमएलसी विद्यासागर सोनकर, कांग्रेस से बीजेपी में आए जितिन प्रसाद को जगह देने पर सहमति बना ली है। इसके अलावा पश्चिमी यूपी से एक गुर्जर और एक जाट विधायक को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।

इनमें जाट बिरादरी से आने वाली मोदीनगर की विधायक डा. मंजू शिवाच और मेरठ दक्षिणी से गुर्जर जाति के विधायक सोमेंद्र तोमर के अलावा दादरी के विधायक तेज पाल नागर का नाम भी चर्चा में है।

डॉ. मंजू पेशे से चिकित्सक हैं और खुद का नर्सिंग होम चलाती हैं। सोमेंद्र चौधरी चरण सिंह मेरठ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। तेज पाल शिक्षक रहे हैं और इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य पद से रिटायर होकर राजनीति में आए हैं।