अभी अभीः मोदी मंत्रिमंडल विस्तार, इन नेताओं को आये फोन, खुशी से झूमे समर्थक

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नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव को लेकर भाजपा में माथापच्‍ची का दौर जारी है। ज्‍यादातर नामों पर मुहर लग चुकी है। सोमवार को पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ बैठक की। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई घंटों तक चली इस मुलाकात में कैबिनेट विस्‍तार को अंतिम रूप दिया गया। अगर फेरबदल होता है तो 2019 में दूसरी बार चुनकर आने के बाद यह पहला मौका होगा जब मोदी कैबिनेट का विस्‍तार करेंगे।

लिस्‍ट तैयार है। जिनके नाम हैं, उनके पास फोन पहुंचने लगे हैं। नारायण राणे को दिल्ली बुलाया गया है। असम के पूर्व सीएम सर्वानंद सोनोवाल को भी दिल्ली बुलाया गया है। बीजेपी चीफ जेपी नड्डा के आज शाम हिमाचल से लौटने का इंतजार है। इसके बाद संगठन महामंत्री बीएल संतोष के जरिए नेताओं को फोन किया जाएगा और उन्हें नड्डा के ऑफिस में आने को कहा जाएगा।

मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री हैं। नियमानुसार अधिकतम मंत्रियों की संख्या 81 हो सकती है। कई नामों की चर्चा खूब है, खासतौर से उन पांच राज्‍यों के नेताओं के जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। आइए एक नजर डालते हैं, मंत्रिपरिषद में जगह बनाने की रेस में शामिल नेताओं पर।
तीन नाम जिनके केंद्रीय मंत्री बनने की चर्चा सब तरफ

ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया, सर्वानंद सोनोवाल और वरुण गांधी। ये तीन नाम केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्‍तार की सुगबुगाहट शुरू होन के साथ ही चर्चा में आ गए थे। सिंधिया ने जिस तरह मध्‍य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिराने और बाद में उपचुनाव जिताने में भूमिका निभाई, उसका फल उन्‍हें केंद्रीय मंत्री की कुर्सी के रूप में मिल सकता है।
सोनोवाल ने हिमंता बिस्‍व सरमा के लिए असम के मुख्‍यमंत्री का पद छोड़ दिया। इसी के बाद अटकलें लगने लगी थीं कि उन्‍हें दिल्‍ली भेजा जाएगा। असम में पार्टी के भीतर किसी तरह की खींचतान न शुरू हो, इसके लिए भी सोनोवाल को केंद्र में जगह देने की पूरी तैयारी है। वे राज्‍यसभा के जरिए संसद पहुंच सकते हैं।
अपने आक्रामक तेवरों के लिए मशहूर वरुण गांधी को भी केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। गांधी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद हैं जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यूपी के कोटे से वरुण को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल क‍िया जा सकता है।

पशुपति पारस को मिलेगी रामविलास पासवान की जगह?

पिछले साल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान का निधन हो गया था। पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है। एक धड़ा उनके भाई पशुपति पारस के साथ है और दूसरा बेटे चिराग पासवान के। चर्चा तेज है कि पासवान की जगह पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल क‍िया जा सकता है।
बिहार से एक और नेता का नाम चल रहा है। पूर्व उप-मुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी का। उन्‍हें बिहार में सत्‍ता से बाहर कर दिया गया था, अब केंद्र में जगह बन सकती है। जेडीयू कोटे से भी एक-दो मंत्री बन सकते हैं। हालांकि नीतीश चाहते हैं कि एक काबीना मंत्री और दो राज्‍यमंत्री उनकी पार्टी से हों। जेडीयू के नेता आरसीपी सिंह आज दिल्‍ली आ रहे हैं। सिंह के अलावा संतोष कुमार का नाम चल रहा है।
राजस्‍थान में जन्‍मे मगर बिहार में अपना जलवा दिखाने वाले भूपेंद्र यादव को भी मंत्री बनाया जा सकता है। बिहार में बीजेपी की सफलता के पीछे यादव को अहम कारण माना जाता है। संगठन के काम में माहिर यादव को बतौर मंत्री भी परखा जा सकता है।

दिनेश त्रिवेदी, अश्विनी वैष्‍णव, बी. पांडा भी दावेदार

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दूसरी सरकार में रेल मंत्री रहे दिनेश त्रिवेदी को भी मोदी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस को अलविदा कहकर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
पूर्व आईएएस अधिकारी अश्विनी वैष्‍णव अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रहे हैं। बीजेडी के समर्थन के साथ उन्‍होंने बिना किसी विरोध के राज्‍यसभा इलेक्‍शन जीता था।
ओडिशा से ही बैजयंत पांडा को भी केंद्र भेजा जा सकता है। वह पार्टी में राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष और प्रवक्‍ता की दोहरी जिम्‍मेदारी संभाल रहे हैं। बीजेडी से निकाले जाने के बाद, 2019 में पांडा भाजपा में शामिल हो गए थे।
दिल्‍ली से सिर्फ एक चेहरे को जगह?

दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी और बीड (महाराष्‍ट्र) से सांसद प्रीतम मुंडे को मंत्री बनाया जा सकता है। पेशे से डॉक्‍टर प्रीतम मुंडे ने 2014 में करीब 7 लाख वोटों के अंतर से लोकसभा चुनाव जीता था।
उनके अलावा महाराष्‍ट्र से एक और नाम केंद्रीय कैबिनेट का हिस्‍सा बन सकता है और वो है नारायण राणे। महाराष्‍ट्र के पूर्व सीएम रहे राणे ने 2017 में शिवसेना छोड़ अलग मोर्चा खोल लिया था। हालांकि 2019 में वह और उनकी पार्टी बीजेपी में शामिल हो गए।
दिल्ली से एकमात्र चेहरा नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाली लेखी इस हाई प्रोफाइल सीट से लगतार दो बार जीत चुकी हैं।
कैबिनेट विस्‍तार में यूपी पर होगा फोकस

अगले साल उत्‍तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। सबसे ज्‍यादा 80 लोकसभा सीटों वाले इस राज्‍य से तीन-चार नेता मंत्री बन सकते हैं। दावेदारी अपना दल की अनुप्रिया पटेल की भी है जो पहले भी मोदी सरकार में मंत्री रही हैं।
यूपी बीजेपी के चीफ स्‍वतंत्र देव सिंह को भी केंद्र में भेजा जा सकता है। बिना किसी राजनीतिक बैकग्राउंड के आने वाले सिंह मूलत: संघ से जुड़े रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उनपर मध्‍य प्रदेश का जिम्‍मा था जहां पार्टी ने 29 में से 28 सीटें जीतीं।

महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी का नाम भी चर्चा में है।
इनके नाम पर भी लग रहा दांव

कई और नेताओं का नाम भी केंद्रीय कैबिनेट के लिए चर्चा में है। इनमें मध्य प्रदेश से कैलाश विजयवर्गीय, राज्यसभा सांसद अनिल जैन, चूरू से राजस्‍थान के सबसे युवा सांसद राहुल कस्वां, कर्नाटक से राज्‍यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर और संसद में अपने भाषण से मशहूर हुए लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल शामिल हैं।

नड्डा, सीनियर मंत्रियों संग पीएम मोदी की बैठक रद्द

कैबिनेट में फेरबदल की चर्चाओं के बीच प्रधानमंत्री मोदी आज शाम 5 बजे वरिष्‍ठ मंत्रियों और भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक करने वाले थे। हालांकि अब खबर है कि यह बैठक कैंसिल हो गई है। मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई अन्‍य सीनियर मंत्री हिस्‍सा लेने वाले थे। पीएम ने ऐसी ही एक बैठक 20 जून को की थी। तब उन्‍होंने दो साल में सरकार के कामकाज की समीक्षा की थी।