उत्तराखंड: कभी CM के OSD थे पुष्कर सिंह धामी, अब खुद बने मुख्यमंत्री, RSS से है 33 साल पुराना नाता

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देहरादून: चुनाव से पहले उत्तराखंड में चार महीने के भीतर तीसरा सीएम चुना जा चुका है। पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके साथ कई अन्य वरिष्ठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत को भी मंत्री बनाया गया है।

धामी ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली। वह उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा सीएम बने हैं। उन्होंने कहा, शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरी पार्टी ने एक सैनिक के परिवार में पैदा हुए जिसकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी, उसके बाद भी मुझे मुख्य सेवक के रूप में काम करने का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो पोस्ट खाली हैं, हम उन्हें भरेंगे और नौजवानों को रोजगार से जोड़ने का काम करेंगे। मैं यहां की समस्याओं को भलीभांति जानता हूं, समस्याओं के समाधान के लिए लोगों के बीच जाऊंगा। पर्यटन को खोलना और चारधाम यात्रा चलाना प्रदेश के लिए नितांत जरूरी है।

उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से दो बार के भाजपा विधायक (2012 और 2017 में) रहे 45 साल के धामी सूबे के 11वें सीएम बने हैं। उन्होेंने तीरथ सिंह रावत की जगह ली है, जिन्होंने चार महीने से भी कम के अपने कार्यकाल के बाद प्रदेश में उपजे संवैधानिक संकट के कारण शुक्रवार देर रात पद से इस्तीफा दे दिया था। पर्यवेक्षक और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पार्टी मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मौजूदगी में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में धामी का नाम सर्वसम्मति से तय हुआ।

छात्र राजनीति से जुड़े रहे धामी महाराष्ट्र के राज्यपाल और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यिारी के करीबी हैं। माना जाता है कि कोश्यिारी उन्हें अंगुली पकड़कर राजनीति में लाए थे। उन्होंने कहा, “वह पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र कनालीछीना में एक पूर्व सैनिक के घर में पैदा हुए लेकिन खटीमा उनकी कर्मभूमि है।”

मौजूदा समय में वह बीजेपी के राज्य इकाई के उपाध्यक्ष हैं। उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी पुराना नाता रहा है। साल 1975 में पिथौरागड़ जिले में जन्में धामी 33 साल से आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों के लिए विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। 10 साल तक वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य भी रहे। उन्होंने तब यूपी के अवध प्रांत क्षेत्र के लिए काम किया था।

हम्यून रिसोर्स मैनेजमेंट और इंडस्ट्रियल रिलेशंस में लॉ ग्रैजुएट धामी बीजेपी के उत्तराखंड युवा मोर्चा के दो बार अध्यक्ष (2002 से 2008 के बीच) भी रहे हैं। पार्टी के अंदरूनी लोग उन्हें युवा और सक्रिय नेता बताते हैं। चूंकि, वह पहाड़ी क्षेत्र के ठाकुर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी ने उन्हें अगले सीएम के लिए चुन कर जाति और क्षेत्रीय समीकरणों में अगले विस चुनाव के मद्देनजर संतुलन बैठाने की कोशिश की है।

बता दें कि उत्तराखंड में वोट तीन फैक्टर्स में बंटा हुआ हैः 1- कुमाउं बनाम गढ़वाल क्षेत्र, 2- ठाकुर बनाम ब्राह्मण और 3- पहाड़ी बनाम मैदानी इलाके। उदाहरण के तौर पर बीजेपी स्टेट चीफ मदन कौशिक ब्राह्मण हैं। वह हरिद्वार से ताल्लुक रखते हैं, जो कि मैदानी इलाके गढ़वाल में आता है। वहीं, निवर्तमान सीएम तीरथ सिंह रावत ठाकुर हैं, पर वह गढ़वाल क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं।