चीन की ‘बदबूदार’ हरकत, अब मानव मल से लाया नया संकट

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कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में आलोचनाओं का सामना कर रहा चीन कभी अपनी घटिया चालबाजी से बाज नहीं आता. वह लगतार नए-नए पैंतरे आजमाकर अपने पड़ोसी देशों को परेशान करने और उनपर धौंस जमाने की कोशिशों में लगा रहता है. अब चीन की एक नई करतूत दुनिया के सामने उजागर हो गई है.

दक्षिण चीन सागर को गंदा कर रहा चीन
अमेरिका के एक विशेषज्ञ ने सोमवार को दावा किया कि चीनी जहाजों का झुंड दक्षिण चीन सागर में कई सालों से मानव अपशिष्ट और गंदा पानी फेंक रहा है. इस कारण दक्षिण चीन सागर में शैवाल पैदा हो रहे हैं, जो कोरल रीफ को नुकसान पहुंचा रहे हैं. कोरल रीफ को हुए नुकसान से यहां रहने वाली मछलियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा गया है.

सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा
सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक बनाने वाली एक कंपनी सिमुलैरिटी इंक की लिज डेर (Liz Derr) ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में इकट्ठा की गईं सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि कैसे मानव मल, सीवेज और गंदे पानी को दक्षिण चीन सागर में फेंका गया है. ये स्प्रैटली क्षेत्र (Spratlys region) में चट्टानों के पास जमा हो गया है. जिसकी वजह से यहां शैवाल पैदा हो रहे हैं.

सैकड़ों चीनी जहाजों ने डाला डेरा
लिज डेर ने बताया कि ड्रैगन समुद्र में मानव मल के साथ-साथ सीवेज का गंदा पानी भी फेंक रहा है. सिर्फ बीते 17 जून को एटोल में कम से कम 236 चीनी जहाजों को देखा गया, जो गंदगी डंप करने आए थे. सैकड़ों जहाज जो स्प्रैटली में लंगर डाले हुए हैं, वो भी वहां पर कब्जा कर गंदगी को समुद्र में फेंक रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब जहाज नहीं चलते हैं, तो वहां पर मल का ढेर लग जाता है. इससे पता चलता है कि चीन कितने बड़े पैमाने पर समुद्र को गंदा कर रहा है.

विशेषज्ञों ने इसे भयानक बताया
लिज डेर का कहना है कि जब जहाज अपनी जगह से हिलते-डुलते नहीं हैं तो इससे अपशिष्ट पदार्थ इकट्ठा होने लगता है. स्प्रैटली में लंगर डाले सैकड़ों जहाज सीवेज को चट्टानों पर फेंक रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे यहां रहने वाली मछलियां मर जाएंगी और इससे मछली पकड़ने वालों की आजीविका पर खतरा मंडराने लगेगा. ये पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा सकता है. डेर ने इसे भयानक घटना कहा जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती.

चीन ने नहीं दी सफाई
इस रिपोर्ट पर चीन की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, पूर्व में चीनी अधिकारियों ने कहा था कि वो दक्षिण चीन सागर के प्रति सजग हैं और इलाके में जलीय जीवों के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए हैं. वहीं फिलीपींस के विदेश मामलों के विभाग के कहा कि वो चीन का विरोध करेगा, लेकिन उससे पहले खुद इस रिपोर्ट को सत्यापित करना चाहेगा. बता दें कि दक्षिण चीन सागर पर शुरू से ही विवाद रहा है, जिस वजह से दूसरे देश वहां ज्यादा एक्टिव नहीं हैं. इसी का फायदा उठाकर चीन वहां प्रदूषण फैला रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि चीन नहीं सुधरा तो पूरे इलाके का पानी बहुत ज्यादा जहरीला हो जाएगा, जिस वजह से वहां के जलीय जीव खत्म हो जाएंगे.