यात्रीगण ध्यान दें! दिल्ली मेट्रो से करते हैं यात्रा तो इन 29 स्टेशनों पर रहें सावधान, ऐक्टिव हैं दो गैंग

Attention passengers! If you travel by Delhi Metro, be careful at these 29 stations, two gangs are active.
Attention passengers! If you travel by Delhi Metro, be careful at these 29 stations, two gangs are active.
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नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो आज राजधानीवासियों के लिए लाइफलाइन बन चुकी है। DMRC यात्रियों साफ, सुगम और बेहतर राइड प्रदान करती है। लाखों यात्री हर रोज मेट्रो की सवारी करते हैं। लेकिन इन सबके बीच कुछ खुराफाती लोगों को मौका भी मिलता है। चोरों और पॉकेटमारों के लिए मेट्रो के स्टेशन खुला मैदान जैसा है। पुलिस ऐसी जगहों पर सख्ती बढ़ा रही है। इसके अलावा ऐसे अपराधियों की फोटो सभी जवानों को दी गई है। मेट्रो में चोरी और पॉकेटमारी की घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस कई ऐसे मेट्रो स्टेशनों की पहचान की है जहां यात्रियों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस ने बताया कि मेट्रो के कुछ ऐसे स्टेशन हैं जहां यात्रियों को सतर्क, सजग और अतिरिक्त सावधान रहने की जरूरत है। अगर आप सावधान रहते हैं तो निराशा और दुख से खुद को बचा सकते हैं।

29 मेट्रो स्टेशन पर रहें सतर्क
दिल्ली पुलि ने ऐसे 29 मेट्रो स्टेशनों की पहचान की है जहां सबसे ज्यादा चोरी और पॉकेटमारी होती है। पुलिस इन जगहों पर सुरक्षा मजबूत कर रही है। पिछले साल इन जगहों पर कुल 3 हजार आपराधिक मामले दर्ज हुए थे। इन 29 स्टेशनों पर यात्रियों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। वेलकम, कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, नई दिल्ली, अशोक पार्क मेन, पंजाबी बाग, कीर्ति नगर, करोल बाग, राजीव चौक, इंद्रलोक, जीटीबी नगर, जहांगीपुरी, द्वारका मोड़, जनकपुरी वेस्ट, नई दिल्ली एयरपोर्ट लाइन, द्वारका सेक्टर 21, हौज खास, छतरपुर, कुतुब मीनार, आईएनए, सरोजनी नगर, सराय काले खां, निजामुद्दीन, लाजपत नगर, गोविंदपुरी, कालकाजी मंदिर, आनंद विहार, यमुना बैंक, मंडी हाउस और लाल किला।

होली वाले दिन जब पूरा शहर रंगों में सराबोर हो जाता है, तब दिल्ली मेट्रो उस दिन का फायदा उठाती है। क्योंकि उस दिन उसकी सेवाएं दोपहर 2 बजे से शुरू होती हैं। पूरे साल में यही एक ऐसा समय होता है जब ट्रेनें सुबह साढ़े चार बजे डिपो से नहीं निकलती हैं। इस खास समय का उपयोग करके दिल्ली मेट्रो अपने स्टेशनों और ट्रेनों की अच्छी तरह से सफाई कर लेती है।

होली के दिन जब मेट्रो लगभग 10 घंटे तक बंद रहती है, तो DMRC के अलग-अलग विभाग बड़े जोश से काम करते हैं। इस दिन वो सुरंगों की लाइट बदलते हैं, क्रॉस पैसज पंपों की मरम्मत करते हैं और सिग्नलिंग सिस्टम में सुधार करते हैं। बाकी दिनों में, मेट्रो को अपने सामानों की देखभाल के लिए सिर्फ 3 घंटे ही मिलते हैं, जब ट्रेनें डिपो में खड़ी होती हैं। हर कुछ महीनों में, दिल्ली मेट्रो रात के 11 बजे से सुबह 6 बजे के बीच रखरखाव के लिए मेगा ब्लॉक करती है। जब यात्री सेवाओं का समय समाप्त हो जाता है तब ये मेगा ब्लॉक किया जाता है। अंतिम मेगा ब्लॉक 23 दिसंबर को यमुना बैंक से इंद्रप्रस्थ स्टेशन तक किया गया था।

होली के मौके का दिल्ली मेट्रो को बड़ा फायदा होता है क्योंकि उन्हें ज्यादा समय मिल जाता है। DMRC के एक अधिकारी ने बताया कि जब लोग होली मनाते हैं, तो हमारी टीमें सिस्टम के बड़े पैमाने पर रखरखाव करती हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि रात को बड़े मरम्मत कार्य होते हैं, लेकिन दोपहर 2 बजे तक का होली का ब्रेक हमें सिस्टम को और ज्यादा भरोसेमंद, सुलभ और टिकाऊ बनाने का मौका देता है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पुरानी सिग्नलिंग प्रणाली में समय के साथ खराबी आने लगती है। ऐसे में 20 साल से ज्यादा पुरानी प्रणाली को चलाना मुश्किल होता है। इसलिए नए टेक्नोलॉजी अपडेट के साथ सिग्नलिंग सिस्टम को बेहतर बनाना जरूरी होता है।

अधिकारी ने बताया कि पहले वाली सिग्नलिंग प्रणाली काफी पुरानी हो चुकी थी, इसलिए उसे नए सिस्टम के साथ जोड़ने के लिए उसके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को अपडेट करना पड़ा था। ये काम बहुत जरूरी है, खासकर तब जब किसी लाइन में समस्या होने पर ट्रेनों को वापस लौटाने की जरूरत पड़ती है। मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि इसका मतलब है कि ट्रेनों को वापस मोड़ने के लिए वर्चुअल सिग्नल लगाने पड़ते हैं। ये वर्चुअल सिग्नल लगाने के लिए पुरानी सिग्नलिंग प्रणाली में बदलाव करना पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के काम करने के लिए सीमित समय ही मिलता है क्योंकि सिग्नलिंग उपकरणों की अधिकांश मरम्मत सिर्फ उसी समय की जा सकती है जब ट्रेनें चल नहीं रही हों।

सुरंगों में लगे पंखों (टनल बूस्टर फैन) की मरम्मत के लिए भी समय चाहिए होता है। ये पंखे लंबी सुरंगों में हवा के संचार में मदद करते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सुरंग के डिजाइन और उसकी छत पर बिजली आपूर्ति के तारों के कारण इन पंखों पर काम करने के लिए सीढ़ी लगाना मुश्किल होता है। इनकी मरम्मत के लिए विशेष गाड़ियों की जरूरत होती है, जिन्हें आम तौर पर ट्रेनों के न चलने वाले समय में, यानी रात को सिर्फ 2-3 घंटे ही इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन होली के दिन जैसी बड़ी बंद के दौरान इन गाड़ियों को इस्तेमाल करने की कोई समय सीमा नहीं होती, तो हम आराम से पंखों की मरम्मत कर पाते हैं।

जब लोग होली खेल रहे होते हैं, तब मेट्रो विभाग कई काम करता है। सुरंगों की लाइटों को ठीक करना या बदलना। आग बुझाने वाली लाइनों की देखभाल करना। पटरियों के आसपास पैदल चलकर किसी भी समस्या को ढूंढना। पंपों की जांच करना और साफ करना। स्टेशनों और पटरियों की गहरी सफाई करना। ऊंचे स्टेशनों पर पक्षियों को बैठने से रोकने के लिए उनके लिए खतरनाक स्पाइक्स लगाना, ताकि बिजली की तारों में शॉर्ट सर्किट न हो।

➤ DMRC ट्रेनों की शुरुआत हर रोज सुबह साढ़े 4 बजे शुरू करता है। होली वाले दिन ही ट्रेन दोपहर 2 बजे से चलती है।
➤ इस दौरान DMRC का अलग-अलग विभाग सिस्टम की पूरी जांच परख कर जाता है।
➤ इस तरह की जांच मेगा ब्लॉक के दौरान किया जाता है। ये हर महीने में एक बार होता है।
➤ जब पैसेंजर सेवाएं समाप्त हो जाती है तब ही मेगा ब्लॉक शेड्यूल किया जाता है। जो सुबह 6 बजे तक होता है।
➤ आमतौर पर मेगा ब्लॉक रात 11 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक के लिए होता है।
➤ मेगा ब्लॉक आमतौर पर कम कमाई वाले घंटे, वीकेंड या छुट्टियों के दिन ही किया जाता है। जब यात्रियों की संख्या कम होने का अनुमान होता है।

➤ मेगा ब्लॉक के दौरान लाइट बदलना और टनल में नई लाइट लगाना शामिल होता है।
➤ फायर लाइन की मरम्मत करना।
➤ मेन लाइन के सेक्शन में पैदल जांच-परख करना। ताकि सिस्टम में किसी खामी को पकड़ी जा सके।
➤ चिड़ियों को मेट्रो लाइनों से दूर रखने के लिए स्पाइक लगाना ताकि शॉर्ट सर्किट को रोका जा सका।
➤ सिग्नलिंग की मरम्मत करना।

कश्मीरी गेट सबसे खतरनाक
दिल्ली पुलिस के आंकड़े के अनुसार कश्मीर गेट मेट्रो स्टेशन पर सबसे ज्यादा ऐसे मामले दर्ज किए गए। 2023 में 1,003 केस आए थे। इसके बाद राजीव चौक (418) और फिर नई दिल्ली (385) आते हैं। पुलिस के अनुसार, स्टेशन परिसर पर चोरी, पॉकेटमारी और कार चोरी की है। 2022 में इन 29 स्टेशनों पर कुल 1,811 केस दर्ज किए गए थे।

इन मेट्रो स्टेशन पर रहें सतर्क

5,709 चोरी के मामले
पिछले साल सभी मेट्रो स्टेशनों पर चोरी के कुल 5,709 चोरी के मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें 2,407 केस का निपटारा किया गया और कुल 599 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन मामलों में 113 गाड़ियों की चोरी के थे। इन केसों में 96 केसों का निपटारा कर दिया गया। इसके अलावा छेड़छाड़ के 22 मामलों में से 21 का निपटारा किया गया और 24 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

डीसीपी मेट्रो, राम गोपाल नायक हालांकि, आगे मेट्रो स्टेशन पर हालात बदलने को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने बताया कि हॉटस्पॉट की पहचान कर वहां कार्रवाई की जा रही है। 25 एसएचओ को इन स्टेशनों की पहचान कर अपराध की श्रेणी बांटने का आदेश दिया गया। उन्होंने बताया कि इस तरह की श्रेणी बांटने से हमें वैसी जगहों पर कार्रवाई करने या उसकी पहचान करने में सहूलियत होती है।

उन्होंने बताया कि अपराधी वैसे स्टेशन से यात्रा शुरू करते हैं जहां भीड़भाड़ कम होती है। इसके बाद जहां ज्यादा भीड़भाड़ होती है, वहां वे उतर जाते हैं। महिला और पुरुष गैंग समूह में अपराध को अंजाम देता है। टारगेट की पहचान करने के बाद गैंग के सदस्य अपने शिकार को भटकाते हैं। आम तौर पर मेट्रो में चढ़ने और उतरने के दौरान ये गैंग कैश या ज्वेलरी चोरी कर उतर जाते हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेट्रो यूनिट को सादे और वर्दी में ऐसी जगहों पर सख्त निगरानी रखने का आदेश दिया गया है। ऐसे अपराधियों के फोटोग्राफ पेट्रोलिंग स्टाफ को बांट दिए गए हैं। ज्यादातर पहचान किए गए अपराधी दूसरे जिलों या पड़ोस के राज्यों में रहते हैं तो वहां के डीसीपी को भी उनकी हरकतों के बारे में सतर्क कर दिया गया है ताकि उनकी हरकत पर नजर रखी जा सके।

जानिए मेट्रो स्टेशन पर पुलिस की तैयारी

➤ मेट्रो पुलिस यूनिट के 16 SHO को क्राइम हॉटस्पॉट वाले स्टेशनों की पहचान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन जगहों पर क्राइम की श्रेणी भी बांटी जाती है।
➤ क्राइम की पहचान के दौरान पुलिस छोटे और घृणित दोनों तरह के अपराध पर नजर रखती है।
➤ ज्यादातर केस चोरी और पॉकटेमारी के दर्ज होते हैं।
➤ इसके अलावा एक और बड़ी चुनौती आपत्तिजनक चीजों या घटनाओं को रोकने की है।

सुरक्षा बढ़ाई गई
➤ पुलिस ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सादे कपड़ों में जवानों की तैनाती कर चुकी है।
➤ सीसीटीवी कैमरों को लगाया गया है।
➤ लगातार अपराध करने वाले अपराधियों के फोटो जवानों को दिए गए हैं।