हिमाचल का एक ऐसा जिला जिसके गांव में बेटी के पैदा होने पर मनाया जाता है उत्सव

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मनाली। जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति की गाहर घाटी में हालड़ा, कुस उत्सव के बाद गोची उत्सव मनाया जा रहा है। घाटी में बेटे के जन्म पर गोची उत्सव मनाने की परंपरा है। घाटी में प्यूकर एकमात्र ऐसा गांव है, जहां बेटियों के जन्म पर सदियों से गोची उत्सव मनाया जाता है।

घाटी में इस वर्ष 27 से 31 जनवरी तक यहां गोची उत्सव मनाया जा रहा है। गोची उत्सव के पहले दिन गांव के मुख्य देवता तंगजर की विशेष पूजा की गई। इसके बाद शाम को तीर-कमान का खेल खेला गया। साथ ही नृत्य कर जश्न मनाया गया। स्थानीय ग्रामीण छेरिंग टशी छरजिपा व राजेंद्र ने कहा कि गांव में बीते एक वर्ष में दो बेटियों का जन्म हुआ है। ऐसे में प्यूकर गांव के दो घरों में गोची उत्सव मनाया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लड़कियां अपनी मेहनत के बलबूते नई बुलंदियों को छू रही हैं। बेटा-बेटी एक समान हैं। प्यूकर में बेटे के साथ बेटी के जन्म पर गोची उत्सव का आयोजन कर परिवार के साथ पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है।

इस दौरान उपायुक्त लाहुल-स्पीति पंकज राय ने प्यूकर गांव के गोची उत्सव में शिरकत की। उन्होंने गोची उत्सव मनाने वाले तीनों परिवारों के सदस्यों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि बेटे के साथ बेटी के जन्म पर इस तरह की पहल सराहनीय है।

15 माह में 17 लाख पर्यटक पहुंचे लाहुल

अटल टनल बनने के बाद लाहुल घाटी में 15 महीनों में 17 लाख पर्यटकों ने दस्तक दी है। लाहुल-स्पीति के लोगों के लिए अटल टनल रोहतांग वरदान सिद्ध हुई है। यह शब्द शुक्रवार को प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सोलंग में दो दिवसीय राज्यस्तरीय हिमाचल राज्य एवं स्नो बोर्ड चैंपियनशिप में तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने कहे। उन्होंने कहा कि रोहतांग पर्यटन गतिविधियों के लिए बड़ा केंद्र बनने वाला है। लाहुल घाटी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग प्रतियोगिता मार्च या अप्रैल में करवाई जाएगी। प्रकृति ने हिमाचल प्रदेश को नैसर्गिक सौंदर्य से नवाजा है। इससे जहां स्थानीय खिलाडिय़ों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है वहीं पर्यटन भी पूरे यौवन पर होता है।