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शिमला : हिमाचल में आपदा से जनजीवन अभी सामान्य भी नहीं हो पाया है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले पांच-छह दिन के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी कर दिया है। पहाड़ों पर मानसून आज एक्टिव होगा और कुछेक स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। कल से अगले 96 घंटे तक ज्यादा क्षेत्रों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। राज्य सरकार ने मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए प्रदेशवासियों और सैलानियों से सावधानी बरतने की अपील की है। इस दौरान उफनते हुए नदी-नालों, लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों, जलभराव वाले स्थानों पर नहीं जाने और गैर जरूरी यात्राएं टालने की सलाह दी है। प्रदेश में 19 जुलाई तक मौसम साफ होने के आसार नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में जाना खतरनाक साबित हो सकता है।
राहत- पिछले 48 घंटे में कम बरसे मेघ
राहत की बात यह है कि पिछले 48 घंटों के दौरान प्रदेश में बहुत कम बारिश हुई है। इससे जगह-जगह फंसे हुए 60 हजार से ज्यादा लोग रेस्क्यू हो पाए हैं। कुछ सड़कों, पेयजल योजनाओं और बिजली के ट्रांसफार्मर को भी शुरू करने में सफलता मिली है।
रेणुका में 7MM बारिश
पिछले 24 में सिरमौर के रेणुका ददाहू में 7MM बारिश, पच्छाद में 6MM, नाहन में 6MM, शिमला के खदराला में 4MM, सोलन के कंडाघाट में 4MM, हमीरपुर के भोरंज में 4MM, बिलासपुर के नयनादेवी में 4MM, कोटखाई में 3MM, धर्मपुर में 3MM, पालमपुर में 3MM, शिमला में 3MM, हमीरपुर में 2MM बारिश हुई है।
इन जिलों में हो सकती है भारी बारिश
मौसम विज्ञान के अनुसार प्रदेश के निचले और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ज्यादा बारिश की संभावना है। 15 से 17 जुलाई तक सोलन, ऊना, बिलासपुर, शिमला, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और सिरमौर जिले में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
प्रदेश में अभी भी सैकड़ों सड़कें, बिजली ट्रांसफार्मर व जलापूर्ति योजनाएं ठप
प्रदेश में 8 से 10 जुलाई के बीच हुई भारी बारिश से 4 हजार करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हुई है। आज भी 1 हजार से ज्यादा सड़कें लैंडस्लाइड, पुल बहने तथा जमीन धंसने की वजह से अवरुद्ध पड़ी हैं। इससे 1200 से ज्यादा रूटों पर बस सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं। इसका असर जनता की आवाजाही पर पड़ा है। लोगों को एक स्थान से दूसरे जगह जाने में कठिनाई हो रही है।
प्रदेश में 800 से ज्यादा पेयजल योजनाएं और 2500 के करीब बिजली के ट्रांसफार्मर ठप हैं। इससे दर्जनों गांव में चार-पांच दिन से अंधेरा पसरा हुआ है। कई घरों में पीने को साफ पेयजल नहीं मिल पा रहा है। पेयजल योजनाएं ठप होने से कई शहरों व गांव में पेयजल संकट गहरा गया है।
कुल्लू में अब तक 18 शव बरामद
कुल्लू जिले में अभी तक करीब 18 शव बरामद हो गए हैं। इनमें से पांच की पहचान नहीं हो पाई है। 8 से 10 जुलाई की भारी बारिश के कारण आपदा में 34 लोगों ने जान गंवाई है। प्रदेश में 24 जून से अब तक सड़क हादसों, ढांक से गिरने, लैंडस्लाड, बादल फटने, फ्लैश फ्लड की चपेट में आने से 91 लोगों की मौत हो गई है।