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जबलपुर: मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहने वाले 17 वर्षीय किशोर ने साइकिल को मॉडीफाइड कर उसे बाइक का रूप दिया है। खास बात यह है कि इस किशोर ने महज 1000 रुपए खर्च करके अपनी साइकिल में ऐसा इंजन लगाया जो कि 80 किलोमीटर प्रति लीटर का एवरेज दे रही है। यह इंजन पुराने जमाने में चलने वाली लूना का है, जिसे उसने कबाड़ से 300 रुपए में खरीदा था। किशोर का नाम पुष्कर गुप्ता है जो कि 11 वीं क्लास में पढ़ता है। पुष्कर की बाइक साइकिल टू इन वन है। मतलब कि अगर पेट्रोल खत्म हो जाए तो पेडल से भी इसे चला सकते है। पुष्कर की साइकिल में लूना का इंजन लगा देख पहले तो कई लोगों ने उसका मजाक भी उड़ाया, पर अब इसी साइकिल बाइक के कारण कई साइकिल कंपनियों से पुष्कर को आफ़र भी आने लगे है। पुष्कर अपने इस ब्रांड को जल्द ही पेटेंट करवाने वाले है। पुष्कर की इस खोज को उसके परिवार वाले भी सराह रहें है।
जबलपुर के अंधेरदेव में रहने वाला 17 वर्षीय पुष्कर गुप्ता 11वीं में पढ़ रहा है। पुष्कर को करना तो वकालत है, पर उसका दिमाग नित- नए आविष्कार करने में ज्यादा लगता है। दरअसल पुष्कर ने पहली अपनी साइकिल को इलेक्ट्रिक बाइक में कन्वर्ट किया था, लेकिन उसमें ताकत कम थी, और वह खराब और ऊँचे रास्ते पर चढ़ नही पाती थी। जिसके बाद पुष्कर ने साइकिल को बाइक में कन्वर्ट करने की सोची। पुष्कर ने अपने आविष्कार को पिता गुलाबचंद्र गुप्ता और मां स्वाति को भी बताया। माता- पिता ने भी पुष्कर को हौसलों को समझा और उसका साथ देना शुरू कर दिया।
17 वर्षीय पुष्कर ने सबसे पहले कबाड़ की दुकान में इंजन तलाश करना शुरू किया। गुरनदी बाजार से पुष्कर ने 300 रुपए का खराब इंजन खरीदा। यह इंजन था लूना का। पुष्कर ने इंजन को खोलकर बनाया। इसके बाद वैल्डिंग करके लोहे का पेट्रोल टैंक और साइलेंसर भी खुद बनाया। पुष्कर ने अपनी साइकिल बाइक में लगाए पेट्रोल टैंक की कैपिसिटी 2 लीटर की रखी है। पुष्कर का दावा है कि उसकी बाइक 80 किलोमीटर प्रति लीटर का एवरेज अभी दे रही है। इस साइकिल बाइक की स्पीड 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा है। पुष्कर ने बताया कि अभी इसमें वह अकेला घूमता है, जल्द ही इसमें पीछे एक और सीट लगवाकर इसकी ताकत को जांचना है।
17 वर्षीय पुष्कर का कहना है, इस साइकिल- बाइक को तैयार करने में उसे एक माह का समय लगा है। किक से नही बल्कि पेडल से स्टार्ट होने वाली इस गाड़ी को तैयार करने में अभी तक सिर्फ एक हजार रुपए का खर्च आया है। पुष्कर ने पुरानी साइकिल में वेल्डिंग के जरिए इंजन को कसा। इसके बाद पेट्रोल टैंक को वेल्ड किया। इंजन से पेट्रोल की टंकी तक के लिए पाइप का इस्तेमाल किया। छोटा सा साइलेंसर भी इसमें लगा है, जो कि उसने खुद बनाया है। पुष्कर ने बताया कि अब इस गाड़ी के इंजन और टैंक को स्टील से कवर करना है, जिसके बाद इसका लुक और अच्छा हो जाएगा। पुष्कर ने बताया कि जब कभी वह पेट्रोल भरवाने पंप जाया करते है, तो लोग इसे देखकर मजाक उड़ाया करते थे। पर मुझे पता था कि आज नही तो कल मेरी मेहनत और तकनीक को समझने वाले लोग जरूर तारीफ करेंगे। पुष्कर ने बताया कि कुछ लोगों ने जब मेरी यह गाड़ी देखी तो उन्हें पसंद आई है, जिसके बाद दो लोगों ने ऑर्डर भी दिया है।
17 साल के पुष्कर के इस आविष्कार से परिवार वाले भी खुश है। पुष्कर के अंकल का कहना है कि बचपन से ही यह कुछ अलग करते आ रहा है। छोटे में जब से कुछ टॉयज खिलौने देते थे तो उसमें वह कुछ ना कुछ करता था। अभी कुछ समय पहले पुष्कर ने एक इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई थी लेकिन अधिक भीड़ होने के कारण वह तेजी से नहीं चलती थी। इसके बाद अब एक मोपेड का इंजन लगाया है, जो कि अच्छे से चल रही है। पुष्कर के अंकल अभिषेक का कहना है कि अभी इंजन और अधिक एवरेज देगा। हमें पुष्कर के अविष्कार पर गर्व है।