- छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता, 12 नक्सलियों को किया ढेर, CM साय ने दी बधाई - May 11, 2024
- चुनाव के बीच राहुल गांधी ने मानी गलती, बोले- कांग्रेस को बदलनी होगी अपनी राजनीति - May 11, 2024
- धरती से टकराया सूरज से उठा महा शक्तिशाली तूफान, सैटेलाइट और पावरग्रिड हो सकते हैं फेल, 21 साल बाद हुआ ऐसा - May 11, 2024
पटना: गंगा नदी के किनारे बसे इस शहरों में लोगों ने पहले अपने घाटों का साफ किया और फिर उसे शाम को अर्घ्य के लिए सजाकार तैयार किया. महिलाएं पानी में उतकर सूर्य की पूजा कर रही हैं. 17 नवंबर को नहाय खाय से छठ पर्व की शुरुआत हुई थी. जिसे लेकर लोग जोरों-शोरों से तैयारियों में जुटे हुए थे. आज के दिन सुबह से ही संध्या अर्घ्य की तैयारी शुरू कर दी जाती है. सुबह से ही छठ पूजा के लिए ठेकुआ चावल के लड्डू आदि का प्रसाद बनाया जाता है.
शाम को लोग बांस के बने डाले (टोकरी) में ठेकुआ, फल, मिठाई को साजकर घाट पर जाते हैं. डाले के एक सूप में नारियल, गन्ने समेत पांच प्रकार के फल रखकर घाट पर जात हैं. छठ पर्व के दूसरे दिन खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती महिलाएं 36 घंटे का उपवास रखती हैं.खरना के दिन मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर तैयार की जाती है.