- “PM मोदी ने एक बार में लॉन्च कर दिया चंद्रयान, सोनिया गांधी 21वीं बार भी नहीं कर पाएंगी राहुल की लॉन्चिंग” : अमित शाह - May 4, 2024
- सुबह उठकर शीशा देखने की है आदत, तो हो जाएं सावधान, वरना खराब हो जाएगा पूरा दिन - May 4, 2024
- मोबाइल कॉलिंग का नियम बदलेगी सरकार, कॉल आने पर नंबर के साथ दिखाई देगी ये खास जानकारी - May 4, 2024
अंबाला। Weather forecast Haryana: हरियाणा से मानसून लौटता दिखाई दे रहा है। हालांकि मौसम विभाग 17 से 19 अक्टूबर तक बूंदाबांदी का अनुमान जता रहा है, लेकिन फिलहाल बारिश की कोई खास चेतावनी नहीं है। दूसरी ओर दिन और रात का तापमान लगातार गिर रहा है। आने वाले दिनों में तापमान और गिरेगा। दिवाली तक इस बार अच्छी खासी ठंडक का अनुमान है। आने वाले दिनों में यह ठंडक और बढ़ेगी और नवंबर में मौसम में अच्छा खासा बदलाव आ जाएगा। दूसरी ओर कपड़ा कारोबारियाें ने भी अपनी तैयारियां कर ली हैं।
अंबाला में मानूसन सीजन में इस बार सामान्य से कम बारिश रिकार्ड हुई है। हालांकि हरियाणा की बात करें तो मानसून सामान्य रहा है। अब मौसम में एकाएक बदलाव देखने को मिल रहा है। दिन के तापमान में जहां गिरावट देखी गई है, वहीं रात के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। सुबह और शाम के समय तो धूप भी लोगों को आराम दे रही है। मौसम विभाग की मानें, तो अंबाला मे 17 से लेकर 19 अक्टूबर तक आसमान में बादल छायेंगे, जबकि बूंदाबांदी भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में मंडियों में धान की फसल को संभालने के लिए पहले से ही इंतजाम करने होंगे। हालांकि इसके बाद आसमान साफ रहेगा।
दूसरी ओर मौसम परिवर्तन लोगों को बीमार भी करेगा। अंबाला कैंट के डाक्टर डीएस गोयल (एमडी मेडिसन) का कहना है कि जिस तरह से तापमान में एकाएक गिरावट दर्ज की गई है, यह लोगों को बीमार कर सकती है। यदि लोग मौसम परिवर्तन को लेकर लापरवाह हुए तो इसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ेगा। ऐसे में लोगों को सेहत के प्रति सावधान रहना होगा।
इस समय कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश तट के पास उत्तर-पश्चिम और इससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुक रहा है। समुद्र तल से 4.5 और 5.8 किमी के बीच एक ट्रफ रेखा लगभग 13 डिग्री उत्तरी अक्षांश के साथ लक्षद्वीप पर कम दबाव वाले क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण से लेकर उत्तर-पश्चिम और इससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाले क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण तक चल रही है। पश्चिमी विक्षोभ को पंजाब और आसपास के क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जा सकता है। जिसका असर हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी देखने को मिल सकता है।
इधर गेहूं बिजाई की तैयारियों में जुटे किसान
धान उठान के साथ ही किसान गेहूं की अगेती किस्मों की बुआई की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस समय तापमान भी नीचे जा रहा है, ऐसे में अगेती किस्म के बीज के लिए 20 अक्टूबर के बाद का मौसम ठीक हो जाएगा। क्योंकि मौसम विभाग ने भी बूंदाबांदी की संभावना जताई है, इससे मौसम ठंडा हो जाएगा। जो गेहूं बुआई के लिए बिल्कुल मुफीद समय होगा। इस समय न्यूनतम तापमान 16 से 17.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। इसमें ओर गिरावट आने की संभावना है।