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मुजफ्फरनगर। अंतरराष्ट्रीय एवं अर्जुन अवार्डी पहलवान दिव्या काकरान ने एक बार फिर जिले का नाम चमकाया है। दिव्या ने शुक्रवार को राष्ट्रीय खेलों में हिमाचल की पहलवान को पटखनी देकर स्वर्ण पदक जीता है। जनपदवासियों, माता-पिता व ससुराल पक्ष ने उनकी सफलता पर गर्व जताया है। खास यह है कि दिव्या ने पहली बार भारवर्ग बदलकर कुश्ती लड़ी है।
मंसूरपुर क्षेत्र के गांव पुरबालियान निवासी दिव्या ने गुजरात के अहमदाबाद स्थित नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में प्रारंभ हुए राष्ट्रीय खेलों में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधत्व किया। अब तक वह 68 किलोग्राम भार में प्रतिभाग कर रही थीं, यहां उन्होंने पहली बार 76 किलोभार वर्ग में चुनौती पेश की। पहली कुश्ती में दिव्या ने पंजाब की गुरशरण को 10-0 से हराया। इसके बाद हरियाणा की रितिका और तेलंगाना की रोहिनी को बायफाल से पराजित किया। फाइनल कुश्ती हिमाचल की रानी राणा को पटखनी देकर स्वर्ण पदक जीता है।
दिव्या बताती हैं कि दिल्ली के गुरु प्रेमनाथ अखाड़े में प्रशिक्षक विक्रम सिंह के साथ अपने खेल को सुधारा है। यहां पर डिफेंस के दांव-पेच को बेहतर किया है। उसका परिणाम रहा कि भारवर्ग में परिवर्तन का लाभ मिला है। शारीरिक क्षमता के साथ भार बढ़ता है, ऐेसे में वजन कम करने में समस्या थी। उनके मंगेतर सचिन प्रताप सिंह भी गुजरात साथ गए थे, जो उनकी डाइट पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।
पिता सूरजवीर ने बताया कि बेटी निरंतर देश, प्रदेश के साथ गांव का नाम रोशन कर रही है। अब उसका लक्ष्य एशियन गेम्स के माध्यम से ओलंपिक की तैयारियों को पूर्ण करना है। ओलिंपिक में वह गोल्ड मेडल जीतने का लक्ष्य बना चुकी है। दिव्या ने हाल ही में इंग्लैंड के बर्मिंघम में हुए कामनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था।