यूपी के शिक्षकों के लिए बनने वाला है नया नियम, जान ले वरना होगी परेशानी

A new rule is going to be made for the teachers of UP, know otherwise there will be trouble
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लखनऊ। प्रदेश के 33 हजार से अधिक माध्यमिक विद्यालयों में बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य करने की तैयारी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग इसे चरणवार लागू करेगा। सबसे पहले राजकीय माध्यमिक कालेजों में इसे जुलाई से ही लागू किया जा सकता है। इसके बाद अशासकीय सहायताप्राप्त यानी एडेड और फिर अंत में वित्तविहीन माध्यमिक कालेजों में अमल कराया जाएगा।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राज्य विश्वविद्यालयों में बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दिया है। साथ ही वहां वेतन भुगतान इसी उपस्थिति के आधार पर करने के निर्देश हैं। इसी तर्ज पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भी कदम बढ़ाया है। प्रदेश में अभी 33,734 माध्यमिक विद्यालय हैं जिनमें 1.27 करोड़ छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए 3.92 लाख शिक्षक कार्यरत हैं। विभाग ने स्कूलों को दिए जाने वाले वार्षिक बजट में पहले ही प्रविधान किया था कि विद्यालय बायोमीट्रिक मशीन लगवाएं ताकि उनकी हाजिरी दर्ज हो सके। कई स्कूलों ने बायोमीट्रिक मशीनें लगाई हैं और कुछ जगह लगाई जा रही हैं।

इसी वजह से मुख्यमंत्री के समक्ष 100 दिन की कार्ययोजना में इसे शामिल किया गया। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने बताया कि बायोमीट्रिक हाजिरी प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में लागू की जाएगी। पहले चरण में 2273 राजकीय माध्यमिक कालेजों में जुलाई से ही इसे अनिवार्य किया जा सकता है। इसके बाद एडेड और फिर वित्तविहीन कालेजों में इसे अमल में लाएंगे। उन्होंने बताया कि शुरुआत में इसमें शिक्षकों की ही हाजिरी लगेगी। आगे चलकर बच्चों की हाजिरी भी इसी माध्यम पर कराई जा सकती है।