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बहादुरगढ़ : पंचायत चुनाव को लेकर बीसी वर्ग का आरक्षण आज बुधवार को हो रहा है। पहली बार बीसी वर्ग को आरक्षण के साथ पंचायतों में प्रतिनिधित्व मिलेगा। वैसे तो जिन गांवों में बीसी वर्ग की आबादी ज्यादा है वहां पर इस वर्ग के सरपंच बनते रहे हैं, लेकिन इस बार जहां पर सामान्य वर्ग की आबादी ज्यादा है वहां पर भी चार गांवों में इस बार बीसी वर्ग के सरपंच बनेंगे। बहादुरगढ़ खंड के 44 में से चार गांव ऐसे रहेंगे, जहां बीसी वर्ग के ही सरपंच होंगे। इससे बीसी वर्ग में भी उत्साह है।
अनुसूचित वर्ग को तो आरक्षण मिलता रहा है, लेकिन अब बीसी वर्ग को भी आगे आने का मौका मिलेगा। हालांकि इस बार चार चरण में चुनाव से दावेदार दिक्कत महसूस कर रहे हैं। माना जा रहा है कि चार चरण में चुनाव से मतदान प्रतिशत कम रह सकता है। अब यह तो लगभग तय है कि चुनाव नवंबर में होंगे, लेकिन जब तक तारीख का एलान नहीं होता तब तक उधेड़बुन ही रहेगी।
मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन जुलाई में कर दिया गया था। तभी से दावेदार एक-एक दिन इस इंतजार में बिता रहे हैं कि आज घोषणा होगी या कल। जब भी यह लगता है कि अब जल्दी चुनाव होंगे तभी कोई न कोई नया पेंच फंस जाता है। अब तो पिछड़ा वर्ग का आरक्षण भी तय हो चुका है। गांवों में पंचायत चुनाव के इंतजार में काफी कार्य रुके भी हुए हैं। दावेदारों का कहना है कि पहले तो दो चरण बताए जा रहे थे। वह भी अपने आप में अटपटा लग रहा था, लेकिन अब तो चार चरण तय किए गए हैं।
यह बड़ी उलझन वाली स्थिति रहेगी। गौरतलब है कि झज्जर जिले में बादली खंड अलग बनने के बाद बहादुरगढ़ का दायरा कम हो गया है। पिछले चुनाव तक इस खंड में 63 पंचायतें थी, लेकिन अब 44 रह गई हैं। पिछले पंचायत चुनाव जनवरी 2016 में हुए थे। ऐसे में पंचायतों का कार्यकाल फरवरी 2021 में खत्म हो गया था। तब से ही चुनाव का इंतजार है।