ज्ञानवापी मस्जिद पर अखिलेश ने साधा निशाना, भाजपा पर लगाया यह आरोप

Akhilesh targets Gyanvapi Masjid, accuses BJP of this
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लखनऊ। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पहली बार समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोई टिप्पणी की है. अखिलेश ने आजमगढ़ में मंगलवार को बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ज्ञानवापी के मामले को बीजेपी और उनकी विचारधारा के लोग जबरदस्ती उठा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट या पुराने आदेशों को उठाकर पढ़ें तो पता चलेगा कि इस तरह के मामलों को नहीं उठाया जा सकता है. बिना सरकार के इशारे यह सवाल नहीं उठाया जा सकता था. ये लोग कोई योजना बना रहे हैं.

बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाना चाहती है बीजेपी

अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश आज हर मामले में पिछड़ रहा है. भुखमरी, बेरोजगारी, प्रेस की स्वतंत्रता, महिला स्वास्थ्य और बच्चों के स्वास्थ्य के मामले में हमारी स्थिति ठीक नहीं है. देश में अनाज की कमी हो गई है. क्या सरकार को यह नहीं पता था कि ऐसी स्थिति होने वाली है? सुनने में आ रहा है कि अब यूपी में गेहूं मिलना बदं हो जाएगा. अब बस चावल मिलेगा. बीजेपी बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ज्ञानवापी जैसे मुद्दे उठा रही है.

बीजेपी के पास है नफरत वाला कैलेंडर

अखिलेश यादव ने कहा कि आज तेल और खाने-पीने का सामान महंगा होता जा रहा है. बीजेपी के पास इस महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कोई जवाब नहीं हैं. चुनाव तक ऐसे मुद्दों को उठाने के लिए बीजेपी के पास नफरत वाला कैलेंडर हैं. अखिलेश ने कहा कि देश की संपत्ति को बेचा जा रहा है. बीजेपी ‘वन नेशन, वन राशन’ का नारा देती है लेकिन अब ‘वन नेशन, वन बिजनेसमैन’ के मुताबिक काम करती दिख रही है.

मोदी जी कहें कि 1991 एक्ट को नहीं मानेंगे: ओवैसी

वहीं एक दिन पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के दावा के बाद वाराणसी कोर्ट द्वारा उस स्थान को सील करने आदेश पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि निचली अदालत का फैसला संसद के 91 एक्ट का उल्लंघन है.

ओवैसी ने कहा, मोदी जी बोल दें कि वे 1991 का आदेश नहीं मानेंगे. उसे गंगा में बहा दीजिए. उन्होंने कहा, एक्ट इसलिए बना कि किसी भी मजहब के मंदिर मस्जिद के नेचर और करैक्टर में कोई बदलाव न किया जाए. ओवैसी ने कहा, कानून वह वजूखाना था और वजूखाना रहेगा. ज्ञानवापी मस्जिद थी, और कयामत तक रहेगी.