पैगंबर विवाद पर अलकायदा की भारत को धमकी, आत्मघामी हमले करके हिंदुओं को बनायेंगे निशाना

Al Qaeda threatens India on Prophet controversy, will target Hindus by committing suicide attacks
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काबुल: पाकिस्‍तान से लेकर बांग्‍लादेश तक आतंकी हमले कर चुके आतंकवादी संगठन अलकायदा ने बीजेपी की निलंब‍ित प्रवक्‍ता नुपूर शर्मा के पैगंबर को लेकर दिए बयान के बाद भारत को दहलाने की धमकी दी है। अलकायदा के सहयोगी संगठन भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (AQIS) ने कहा क‍ि वह पैगंबर का अपमान करने के लिए दिल्‍ली, मुंबई, यूपी और गुजरात में आत्‍मघाती बम हमले करेगा। अलकायदा ने एक पत्र जारी करके कहा कि इन हमलों में वह हिंदुओं को निशाना बनाएगा। अलकायदा ने यह भी धमकी दी है कि वह पैगंबर के खिलाफ बोलने वाले हर शख्‍स की हत्‍या कर देगा। अलकायदा की इस धमकी के बीच विशेषज्ञ इसे हल्‍के में नहीं लेने की सलाह दे रहे हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने भी हाल ही में चेतावनी दी है कि अलकायदा कश्‍मीर से लेकर पूरे भारत में अपनी गतिविधियां बढ़ा सकता है। आइए समझते हैं कि अलकायदा की धमकी कितना दम है…

अलकायदा ने पहली बार भारत को यह धमकी नहीं दी है। इससे पहले भी वह ऐसी धमकियां दे चुका है। पिछले दिनों ही अलकायदा ने कश्‍मीर को लेकर भी भारत को धमकी दिया था। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान राज आने के बाद अलकायदा के निशाने पर भारत और कश्‍मीर है। अलकायदा को लग रहा है कि वह कश्‍मीर में हिंसा की आग को और तेज कर सकता है। ताजा धमकी में अलकायदा ने हिंदुओं को ही आतंकी करार दे दिया और दावा किया कि उन्‍होंने भारतीय जमीन पर कब्‍जा कर रखा है। अलकायदा ने चेतावनी दी कि हिंदुओं का उनकी सेना भी बचा नहीं पाएगी। अलकायदा ने दावा किया और उपमहाद्वीप के लोगों को याद दिलाया कि उनके पैगंबर ने पहले ही गजवा-ए-हिंद के बारे में बताया था और भविष्‍यवाणी की थी कि इस जंग में मुसलमानों की जीत होगी।

‘अफगानिस्तान से कश्मीर की ओर केंद्रित कर रहा अलकायदा’
अलकायदा की इस धमकी के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है। AQIS अलकायदा का सहयोगी आतंकी संगठन है जिसकी स्‍थापना कुख्‍यात आतंकी अयमान अल जवाहिरी ने की थी। यह आतंकी संगठन अफगानिस्‍तान में सक्रिय है जहां तालिबान का शासन है। तालिबान और अलकायदा के बीच इन दिनों खुलकर दोस्‍ती देखी जा रही है। इससे पहले तालिबान ने अमेरिका से वादा किया था कि वह अलकायदा के साथ कोई संबंध नहीं रखेगा। अलकायदा, लश्‍कर-ए-तैयबा की अफगानिस्‍तान में बढ़ती सक्रियता के बाद अब भारत ने भी तालिबान साथ रिश्‍ते मजबूत करने पर बल दिया है और यही वजह है कि भारत के शीर्ष अधिकारियों के दल ने काबुल का दौरा भी किया था। अलकायदा के निशाने पर अब पूरी तरह से भारत आ गया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने अपनी ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि इस आतंकी संठन ने अपनी मैगजीन का नाम ‘नवा-ए-अफगान जिहाज’ से बदलकर नवा-ए-गजवा-ए-हिंद कर दिया है। ऐसी परिस्थिति में यह आतंकी गुट भारत में अपनी सक्रियता बढ़ाने जा रहा है। एक्यूआईएस अपना ध्यान एक बार फिर अफगानिस्तान से कश्मीर की ओर केंद्रित कर रहा है।

‘एक्‍यूआईएस के लड़ाकों में बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान के नागरिक’
संयुक्‍त राष्‍ट्र की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अलकायदा के अधीन होने के कारण एक्यूआईएस अफगानिस्तान में अधिक चर्चा में नहीं रहता, जहां उसके अधिकतर आतंकवादी मौजूद हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘एक्‍यूआईएस के लड़ाकों में बांग्लादेश, भारत, म्यांमार और पाकिस्तान के नागरिक शामिल हैं। वे अफगानिस्‍तान के गजनी, हेलमंद, कांधार, निमरुज, पक्तिका और जाबुल प्रांतों में सक्रिय हैं।’ कांधार के शोराबक जिले में अक्टूबर 2015 में अमेरिका और अफगानिस्तान की ओर से एक्यूआईएस पर किए गए जोरदार हमले से हुए नुकसान के कारण इसे ‘अब भी एक कमजोर संगठन’ के रूप में आकलन किया जा रहा है। माना जा रहा है कि एक्यूआईएस को पैसे की दिक्‍कतों की वजह से कम आक्रामक रुख अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हालांकि तालिबान के सत्ता में आने के बाद आई इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अफगानिस्तान में नई परिस्थितियां अलकायदा की तरह एक्यूआईएस को भी खुद को पुनर्गठित करने की अनुमति दे सकती हैं।

पाकिस्‍तानी युद्धपोत पर कब्‍जा करने की कोशिश कर चुका है अलकायदा
संयुक्‍त राष्‍ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, ‘नवा-ए-गजवा-ए-हिंद पत्रिका ने अपने पाठकों को याद दिलाया है कि अप्रैल 2019 के आईएसआईएस के श्रीलंका हमलों के बाद अल-जवाहिरी ने कश्मीर में जिहाद का आह्वान किया था।’ इससे पहले सितंबर 2014 में बनाए गए एक्‍यूआईएस को अमेरिका ने आतंकी संगठन का दर्जा दिया था। इस आतंकी गुट ने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में कई हमले करने का दावा किया है। इसमें 6 सितंबर, 2014 को कराची में पाकिस्‍तानी नौसेना के युद्धपोत पर कब्‍जा करना शामिल है। इसी आतंकी गुट ने बांग्‍लादेश में कई धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं, लेखकों, प्रफेसरों और डॉक्‍टरों की हत्‍या की जिम्‍मेदारी ली है। पिछले दिनों भारत में भी एक्‍यूआईएस के एक संदिग्‍ध आतंकी को पकड़ा गया था। इस बीच आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए नुपूर शर्मा को दिल्‍ली पुलिस ने सुरक्षा मुहैया कराई है। नुपूर शर्मा ने 28 मई को साइबर सेल इकाई में विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने के संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई थी।