मेरठ। आर्यन! उम्र महज 21 साल। आरोप-शास्त्रीनगर में अपने माता-पिता की हत्या। पुलिस पूछताछ में आर्यन ने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया है। क्यों और कैसे के बीच यह वारदात अवसाद, माता-पिता का अलगाव, घरेलू हिंसा और बालमन पर पड़ते असर की ओर ले जाती है। आर्यन के साथ भी यही हुआ। कहा जाता है कि वह आए दिन होते घरेलू क्लेश और घरेलू हिंसा को लेकर परेशान रहता था। वह अपने पिता को सबक सिखाना चाहता था। इसी की परिणति दोहरे हत्याकांड के रूप में सामने आई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में युवाओं की मनोदशा में परिवर्तन आया है।
मनोवैज्ञानिकों की मानें तो बच्चे अब टोकाटाकी, डांट-फटकार, घर के झगड़ों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। मां-बाप अपने बच्चों के लिए सपने बुनते हैं। वही बच्चे किसी न किसी सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारणों से उनके खिलाफ हो जाते हैं। वेस्ट यूपी की हालिया कई घटनाएं हैं, जहां बच्चों ने ही कहीं मां तो कहीं पिता का कत्ल कर दिया।
मेरठ में सबसे सनसनीखेज घटना वर्ष 2008 में हुई, जब मेडिकल की प्रेम प्रयाग कॉलोनी में प्रियंका ने सहेली अंजू के साथ मिलकर मां-बाप को मार डाला था। इस घटना का खुलासा पुलिस ने करते हुए पूरी कहानी बताई थी। अंजू और प्रियंका फिलहाल इसी हत्याकांड के आरोप में आजीवन कारावास की सजा पा चुकी हैं और जेल में बंद है। इसके अलावा भी कई बड़ी घटनाएं हुई, जब बच्चों ने कभी प्रॉपर्टी, कभी विवाद और कभी मानसिक अवसाद के चलते मां तो कभी बाप को मौत की नींद सुला दिया।
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घर के झगड़े बच्चों को बना रहे हिंसक
घर में आए दिन झगड़े, बात-बात पर बच्चे को टोकना, अन्य बच्चों से उनकी तुलना करना जैसे कई कारण हैं, जो बच्चे में नफरत की भावना को जन्म दे रहे हैं। लगातार घर में यदि यही माहौल रहता है तो नफरत की यह भावना बदले का रूप धारण ले लेती है। यह समस्या बढ़ने पर बच्चा मानसिक रोगी हो जाता है और हत्या या आत्महत्या जैसे घातक कदम भी उठा लेता है।
निगेटिव इमोशंस भी करा देते हैं ऐसे अपराध
मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र, डॉ. मनीषा तेवतिया ने बताया कि गुस्सा या एग्रेशन एक ऐसा इमोशन है, जो बहुत अधिक आ जाए तो नफरत पैदा कर देता है। गलत अफवाह उड़ाना, इमोशनल हर्ट करना, षड्यंत्र रचकर नीचा दिखाना या नुकसान पहुंचाना, जैसे भावों को बच्चा मन में बैठा लेता है। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र पर दो मामले अभी ऐसे आए हैं, जिसमें बच्चे अपने माता-पिता से बेहद नाराज हैं। उनके व्यवहार से परेशान होकर वह उनसे दूर रहने की बात करते हैं।
बच्चों के व्यवहार पर ध्यान देने की जरूरत
वरिष्ठ न्यूरो साईकियाट्रिस्ट, डॉ. सतीश बुडानिया का कहना है कि बच्चों में हिंसक व्यवहार के संकेतों पर शुरू से ही ध्यान देने की जरूरत है। इनमें गलत भाषा का प्रयोग, समझाने पर भी गुस्सा करना, कोई भी बात समझाने पर चीजे फेंकने लगना आदि आदतें शामिल हैं। बच्चों के असामान्य व्यवहार या हिंसक व्यवहार या हिंसक व्यवहार के संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि वे मनोरोग से ग्रस्त हो रहे हों।
वेस्ट यूपी में हुई कुछ बड़ी घटनाएं
30 अक्टूबर 2022 : बहसूमा में रहावती गांव में सतवंत सिंह को सौतेली बेटी सिमरन ने अपने प्रेमी आशीष के साथ मिलकर मार डाला।
1 जनवरी 2023 : परीक्षितगढ़ के पूठी गांव में खैमचंद सैनी की बेटों बिजेंद्र और वीरसिंह ने जमीन के लिए हत्या की।
14 मार्च 2023: बुलंदशहर के शिकारपुर में अवैध संबंधों में बेटी ने घर के बाहर सो रहे माता पिता हत्या कर दी।
24 फरवरी 2023 : अगौता थाना क्षेत्र में गांव अकबरपुर रैना के एक वृद्ध व्यक्ति की उसके दो पुत्रों ने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर पीट-पीटकर हत्या कर दी।
27 अक्टूबर 2022 : शराब के पैसे न देने पर बिजनौर के चांदपुर में पुत्र ने मां को मार डाला।