‘कल भारत बंद’ : किसानों और व्यापारियों का बड़ा फैसला, जान लें वरना होगी परेशानी

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नई दिल्ली। व्यापारी नेताओं का कहना है कि दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेडिंग और जाम की वजह से दिक्कत हो रही है। माल की आवाजाही प्रभावित है। अगर ये आंदोलन लंबे समय तक चला तो आम जरूरत की सप्लाई पर भी असर पड़ेगा।

किसानों आंदोलन से दिल्ली के बाजारों पर असर पड़ने का अंदेशा कम है। दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने भारत बंद से खुद को अलग कर लिया है। उनका कहना है कि सभी 700 बाजार और 56 औद्योगिक क्षेत्र खुले रहेंगे।

गुरुवार को चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने व्यापारियों और उद्यमियों से बैठक के बाद एलान किया है कि दिल्ली में भारत बंद का कोई असर नहीं होगा। दो दिनों से अलग-अलग बाजारों के संगठनों से इस विषय पर चर्चा की गई है। व्यापारी संगठनों का कहना है कि न ही किसी ने बाजारों को बंद करने को लेकर समर्थन मांगा है और न ही भारत बंद का कोई औचित्य है। सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेडिंग और जाम की वजह से दिक्कत हो रही है। माल की आवाजाही प्रभावित है।

वहीं, किसान आंदोलन पर कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि दिल्ली के व्यापारी चिंतित हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना से आग्रह किया गया है कि दिल्ली में माल की आवाजाही निर्बाध रूप से चलती रहे इसे को सुनिश्चित किया जाए। दिल्ली के व्यापारी सरकार का सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि किसान आंदोलन के कारण दिल्ली में आने-जाने वाले माल में कोई व्यवधान न आए, इसके लिए सरकार आवश्यक कदम उठाए। दिल्ली न तो कृषि राज्य है और न ही औद्योगिक राज्य, बल्कि देश का सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है। यहां देश के विभिन्न राज्यों से माल आता है।