युवाओं की हार्ट अटैक से मौत के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा फैसला

Big decision of Health Ministry on increasing cases of death of youth due to heart attack
Big decision of Health Ministry on increasing cases of death of youth due to heart attack
इस खबर को शेयर करें

हार्ट अटैक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है. हालांकि, हाल के वर्षों में भारत में युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि देखी गई है. यह चिंता का विषय है क्योंकि हार्ट अटैक से मौत का खतरा अधिक होता है. अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने युवाओं की हार्ट अटैक से मौत के बढ़ते मामलों के बाद बड़ा फैसला दिया है. 6 दिसंबर को पूरे देश में सुबह 9:30 बजे शुरु होगा कार्यक्रम शुरू होगी, जिसमें 10 लाख लोगों को एक साथ सीपीआर की ट्रेनिंग दी जाएगी.

आने वाले समय में हार्ट अटैक के मरीजों को बचाने के लिए जिम, स्कूलों और कॉलेजों में सीपीआर तकनीक सिखाई जाएगी. यह वह तकीनी है, जिसमें सीने पर जोर से दबाव देकर मरीज के दिल को दोबारा चालू किया जा सकता है. सीपीआर क्रिया करने में सबसे पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है और CPR देने वाला व्यक्ति उसके पास घुटनों के बल बैठ जाता है. उसकी नाक और गला चेक कर ये सुनिश्चित किया जाता है कि उसे सांस लेने में कोई रुकावट तो नहीं है. जीभ अगर पलट गई है, तो उसे सही जगह पर उंगलियों के सहारे लाया जाता है.

सीने में पंपिंग
मरीज के सीने के बीचो-बीच हथेली रखकर पंपिंग करते हुए दबाया जाता है. एक से दो बार ऐसा करने से धड़कनें फिर से शुरू हो जाएंगी. पंपिंग करते समय दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रख कर उंगलियो से बांध लें अपने हाथ और कोहनी को सीधा रखें. हथेली से छाती को 1-2 इंच दबाकर एक मिनट‌ में 100-120 बार दबाव दिया जा सकता है. ऐसा 20 मिनट से 50 मिनट‌ तक कर सकते हैं.

युवाओं में हार्ट अटैक के कारण

जीवनशैली में बदलाव
भारत में युवाओं में जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि अनियमित आहार, धूम्रपान, शराब का सेवन और व्यायाम की कमी, दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ा रहे हैं.

मोटापा
मोटापा भी दिल की बीमारी का एक प्रमुख रिस्क फैक्टर है. भारत में युवाओं में मोटापे की दर बढ़ रही है, जो दिल की बीमारी के खतरे को और बढ़ा रही है.

जेनेटिक फैक्टर
कुछ मामलों में, दिल की बीमारी जेनेटिक फैक्टर के कारण हो सकता है. यदि किसी के परिवार में किसी को दिल की बीमारी है, तो उसके हृदय रोग विकसित होने का खतरा अधिक होता है.