पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जेडीयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाने का फैसला लिया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन ने एक दिन पहले बिहार कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। जिसके बाद सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला। इसी बीच नीतीश सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते ही जेडीयू विधायक रत्नेश सदा (Ratnesh Sada) को मंत्री बनाने का फैसला कर लिया। इसकी जानकारी राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को दी। अब राज्यपाल की ओर से रत्नेश सदा को मंत्री बनाने के संबंध में लेटर भेज दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, 16 जून को सुबह 10 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम रखा गया है। जिसमें जेडीयू नेता और सोनबरसा से विधायक रत्नेश सदा मंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले सहरसा के सोनबरसा से तीन बार के विधायक रत्नेश सदा को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को ही अचानक फोन करके पटना बुलाया। उन्हें नीतीश कुमार ने फोन किया और जल्द से जल्द पटना पहुंचने के लिए कहा था।
जानिए कौन हैं रत्नेश सदा
अब रत्नेश सदा के मंत्री बनने पर मुहर लग चुकी है। जेडीयू विधायक रत्नेश सदा मुसहर समाज से आते हैं। जेडीयू के मुताबिक, वो जीतन राम मांझी से कहीं अधिक जनाधार वाले नेता भी हैं। रत्नेश सदा सहरसा के सोनबरसा से लगातार तीन बार के विधायक हैं और संस्कृत से उन्होंने आर्चाय की डिग्री भी हासिल की है। रत्नेश सदा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र भी हैं। वो सरल स्वभाव वाले जुनूनी नेता माने जाते हैं।
बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने जीतन राम मांझी के महागठबंधन से जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मांझी जिन्हें नीतीश कुमार ने पूरा सम्मान दिया। ये सम्मान इज्जत उन्हे कहीं दूसरी जगह नहीं मिलेगी। श्रवण कुमार ने कहा नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक दी। इससे बड़ा सम्मान क्या दिया जा सकता था? उन्होंने कहा कि जिन्हें इज्जत चाहिए वो महागठबंधन में रहेगा।