हरियाणा में जाट वोटर्स को करीब लाने का मिशन शुरू करेगी बीजेपी, कार्यक्रम के जरिए करेगी संवाद

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नई दिल्ली: हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में अभी करीब ढाई साल का वक्त है लेकिन बीजेपी ने अभी से कमजोर कड़ियों पर काम करना शुरू कर दिया है। बीजेपी जाट वोटर्स (Jat Voters) को करीब लाने के लिए अभियान शुरू करेगी साथ ही पार्टी का परंपरागत वैश्व वोटर दूर न जाए इसे लेकर भी मंथन चल रहा है। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर हुए किसान आंदोलन के बाद जाटों के बीच नाराजगी है। उनके बीच फिर से काम किया जाएगा।

अलग-अलग कार्यक्रम के जरिए होगा जाट समुदाय से संवाद
बीजेपी नेता ने कहा कि जाट समुदाय बीजेपी से दूर गया है उसे करीब लाने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए बीजेपी के जाट नेताओं को अलग अलग कार्यक्रम के जरिए जाट समुदाय के लोगों से संवाद करने को कहा जाएगा। उनकी नाराजगी सुनी जाएगी और उन्हें अपना पक्ष बताया जाएगा। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक इस पर भी मंथन किया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी का राज्य में क्या असर होगा।

आम आदमी पार्टी का कोई प्रभाव नहीं- बीजेपी
एक नेता ने कहा कि वैसे तो राज्य में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का कोई प्रभाव नहीं है लेकिन अगर कुछ असर हुआ भी तो वह वैश्य समुदाय में हो सकता है। इसलिए हम इस पर काम कर रहे हैं कि वैश्य समुदाय हमसे दूर न जाए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उन वर्ग और उन इलाकों पर भी फोकस किया जा रहा है जहां पिछले चुनाव में पार्टी को कम वोट मिले। जैसे अंबाला से लेकर करनाल तक में पार्टी को जितने ब्राह्मण वोट मिलने की उम्मीद थी, उतने वोट नहीं मिले। इसलिए उन पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा और जहां कमी है उसे दूर किया जाएगा।

30 मई से चलेगा अभियान
उन्होंने बताया कि 30 मई से एक महीने तक पूरा अभियान चलेगा। इसमें हरियाणा सरकार में मंत्री और संगठन के नेता मिलकर लोगों को केंद्र और राज्य सरकार की स्कीम के बारे में बताएंगे। सरकार की अलग अलग स्कीम के हर एक लाभार्थी तक पहुंचा जाएगा। उनसे स्कीम को लेकर फीडबैक भी लिया जाएगा। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी। राज्य में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए कम से कम 46 सीटों की जरूरत होती है। बीजेपी ने फिर 10 विधायकों वाली जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई।