राजस्थान में इस शख्स का निकला करोड़ों का कैश-गोल्ड! नाम जानकर उड जायेंगे होश

Cash-gold worth crores came out of this person in Rajasthan! You will be shocked to know the name
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jaipur News: जयपुर में शुक्रवार शाम को सचिवालय स्थित योजना भवन के बेसमेंट की सरकारी अलमारी से 2.31 करोड़ रुपए नकद और एक किलो सोना मिलने के मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक योजना भवन के बेसमेंट की अलमारी में रखा नोटो से भरा सूटकेस DOIT के जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव का बताया जा रहा है. क्योंकि बेसमेंट में लगे दो CCTV में से एक की वीडियो में जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव अलमारी में बैग रखते हुए और दूसरे में निकालते हुए दिख रहे है.

वहीं दूसरी तरफ जयपुर पुलिस ने भी अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए शनिवार को वेदप्रकाश के अंबाबाड़ी स्थित आवास पर सर्ज ऑपेशन चलाया हुआ था. जिसमें सर्च के दौरान उनके घर से कुछ दस्तावेज में मिले है, जिन्हें जयपुर पुलिस ने जब्त कर लिया. जयपुर पुलिस की तरफ से कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने फिलाहाल केस से जुड़े सारे अहम दस्तावेजों और सीसीटीवी फुटेज को ACB की टीम को सौंप दिया है जिससे कैश कांड मामले की आगे की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सके. वहीं जयपुर पुलिस ने अपनी शुरूआती जांच के आधार पर बताया कि यह पूरा मामला पू टेंडर्स को लेकर चल रहा था जिसे लेखर इतना बड़ा घूस कांड सामने आया है.

कौन है वेद प्रकाश यादव
वेद प्रकाश यादव वर्तमान में स्टोर इंचार्ज के पद पर तैनात था. योजना भवन के बेसमेंट में उसके ऑफिस के पास ही इस अलमारी को रखा गया था. मामले के सामने आने पर पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने बेसमेंट में लगे दोनों सीसीटीवी की 30 दिन की CCTV फुटेजों को खंगालने के बाद उसको पकड़ा है.फुटेज में एक बार वह बैग रखते और दूसरी बार निकालते हुए दिखा. जिसके बाद शक की सुई उसपे घूमी. फिलहल जॉइंट डायरेक्टर यादव को एसीबी को हैंड ओवर किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ में वेदप्रकाश ने सूटकेस में मिला कैश-गोल्ड खुद का होना स्वीकार किया है. अलमारी को वेद प्रकाश लॉकर के रूप में काम लेता था.

लेन देन के लिए अलमारी का होता था इस्तेमाल
उसने पूछताछ में बताया कि वह इस अलमारी में कॉन्ट्रैक्ट देने के एवज में वसूली गई कमीशन की रकम को रखा जाता था. आरोपी अफसर के खिलाफ ACB की ओर से आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया गया है. साथ ही जयपुर पुलिस ने वेदप्रकाश यादव एसीबी को सौंप दिया है. बता दें कि वेदप्रकाश प्रोग्रामर के पद पर भर्ती हुआ था. पदोन्नति के बाद वह इस पद पर पहुंचा था. वह 20 साल से सर्विस में है.

CCTV फुटेज के आधार पर छापेमारी

योजना भवन के विभागों के अफसर-कर्मचारियों को शक के दायरे में रखा गया. पुलिस अफसरों की एक स्पेशल टीम बनाकर जांच शुरू की गई. सात कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के साथ ही बेसमेंट में लगे CCTV फुटेजों को भी खंगाला गया. बेसमेंट में आने-जाने वाले लोगों के बारे में पूरी तरह जानकारी जुटाई गई.

सूत्रों के मुताबिक, उसके बाद पुलिस स्पेशल टीम ने सूटकेस के मालिक DOIT के जॉइंट डायरेक्टर के घर पर दबिश दी. छापेमारी कर जॉइंट डायरेक्टर को पकड़ने के साथ घर का सर्च किया गया. जांच में सामने आ रहा है कि बंद अलमारी में मिला कैश-गोल्ड ब्लैकमनी है. रिश्वत के एवज में अफसर ने इसको लिया था. हालांकि, पुलिस अफसरों ने अभी खुलासा नहीं किया है, जल्द ही मामले का पर्दाफाश कर खुलासा किया.

यह है मामला
19 मई की रात जयपुर में सचिवालय के ठीक पीछे योजना भवन के बेसमेंट की बंद पड़ी अलमारी से 2.31 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी और एक किलो सोना बरामद हुआ था. अलमारी में रखे ट्रॉली सूटकेस में 2000 और 500 के नोट थे. अलमारी से 2000 के 7,298 और 500 रुपए के 17,107 नोट मिले थे. सोने की सिल्ली पर मेड इन स्विट्जरलैंड लिखा था. सोने की कीमत करीब 62 लाख बताई जा रही है.

राजस्थान की मुख्य सचिव(सीएस) ने इस हाईप्रोफाइल व चौंकाने वाले घटनाक्रम की जानकारी सीएम गहलोत को भी दी. जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के अनुसार- जिस बेसमेंट से नकदी और सोना मिला है, वहां ई-फाइलिंग प्रोजेक्ट के तहत फाइलों को स्कैन करके उन्हें डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है.