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श्रीनगर: पर्यटन पर कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक के लिए जी20 देशों के प्रतिनिधि सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर पहुंचे। चीन ने पाकिस्तान का साथ देते हुए इस कार्यक्रम का बायकॉट किया है। हालांकि भारत को इससे फर्क नहीं पड़ता। चीन के बायकॉट को तवज्जो न देते हुए भारत ने साफ शब्दों में कहा है कि इससे उसे फर्क नहीं पड़ता। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि श्रीनगर में जी20 बैठक में चीन के शामिल नहीं होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसमें चीन का ही घाटा है, भारत का कुछ नहीं जाता है। चीन को छोड़कर सभी जी20 देशों के प्रतिनिधि तीसरे जी20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक में भाग लेने के लिए सोमवार को श्रीनगर पहुंचे।
केंद्रीय मंत्री ने श्रीनगर में जी20 बैठक से इतर पीटीआई से बात करते हुए कहा, “इससे (चीन के बैठक में शामिल नहीं होने) कोई फर्क नहीं पड़ता। चीन का नहीं आना चीन का नुकसान है, भारत का नहीं।” यह पूछे जाने पर कि क्या बीजिंग की अनुपस्थिति पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध से जुड़ी है? इस पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि विदेश मंत्रालय इस पर विचार करेगा। जम्मू और कश्मीर में जी20 कार्यक्रम आयोजित करने पर, मंत्री ने कहा कि विभिन्न स्थानों से प्रतिनिधियों को उन स्थानों के बारे में जानकारी मिलेगी, जहां वे जाते हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, “हम यूरोप के कुछ देशों की तरह एक छोटे, सजातीय राष्ट्र नहीं हैं। हम एक विविध देश हैं।” कश्मीर पर पाकिस्तानी दुष्प्रचार के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि आम लोग अब इस सबसे आगे बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आम आदमी आगे बढ़ गया है। यदि आप श्रीनगर में सड़कों पर किसी व्यक्ति से बात करते हैं, तो हो सकता है कि वह खुलकर बात न करे। लेकिन आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई से डर का पर्दा उठ रहा है।” एक दिन पहले, जितेंद्र सिंह ने कहा कि कश्मीर में बदलाव आया है और “श्रीनगर की सड़कों पर आम लोग आगे बढ़ना चाहते हैं। वे पहले ही (पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के कारण) दो पीढ़ियों को खो चुके हैं।”
वहीं जी20 के लिए भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने चीनी प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि यात्रा और पर्यटन एक निजी क्षेत्र की गतिविधि है और कई देशों के व्यापार प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, “चीन को छोड़कर सभी जी20 देशों ने हिस्सा लिया। इस बैठक को काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। यहां 61 प्रतिनिधि थे। चीन को छोड़कर सभी देश यहां मौजूद हैं।”