कांग्रेस ने करारी हार के बाद कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को कहा – सूत्र

Congress asked Kamal Nath to resign from the post of state president after the crushing defeat - Sources
Congress asked Kamal Nath to resign from the post of state president after the crushing defeat - Sources
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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर गाज गिरी है. सूत्रों के अनुसार पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहा है. गौरतलब है कि कमलनाथ लंबे समय से मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे. साथ ही पार्टी की तरफ से वो मुख्यमंत्री के भी चेहरे थे. हालांकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मध्यप्रदेश में बड़ी हार का सामना करना पड़ा. रविवार को जारी चुनाव परिणाम में बीजेपी को 163 सीटें और कांग्रेस को मात्र 66 सीटों पर ही जीत मिली. बीजेपी को 57 सीटों का इस चुनाव में लाभ मिला.

राज्य में कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व करने वाले कमल नाथ ने राज्य में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि वे “इस बात पर गौर करेंगे कि हम मतदाताओं से संवाद क्यों नहीं कर सके.

भाजपा के हिंदू विरोधी आरोप का जवाब देने के लिए कमलनाथ ने साधुओं से मुलाकात की और देवताओं की मूर्तियां बनवाईं. चुनावों से पहले, “धार्मिक और उत्सव प्रकोष्ठ” के गठन के साथ पार्टी के धार्मिक कार्यक्रमों की मात्रा बढ़ गई. लेकिन इसकी न केवल मुसलमानों में, बल्कि अन्य पिछड़े वर्गों में भी तीखी प्रतिक्रिया हुई, जिन्होंने इसे जातिगत भेदभाव के रूप में देखा. कमलनाथ का सॉफ्ट हिंदुत्व का प्रयोग असफल रहा.

कांग्रेस हार के कारणों पर करेगी चर्चा

सूत्रों ने सोमवार को बताया कि वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी और अन्य लोग उम्मीदवारों के साथ पार्टी की हार के कारणों पर चर्चा करेंगे. प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रमुख ने बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी 230 उम्मीदवारों की मंगलवार को एक बैठक बुलाई है.

कांग्रेस की करारी हार के बाद सहयोगी दलों ने उठाए सवाल

मध्य प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. देश में जहां कांग्रेस 3 राज्यों (कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना) में सिमटकर रह गई है. वहीं, अब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बने विपक्षी गठबंधन के लिए खतरे की घंटी है. विपक्षी गठबंधन की बुधवार यानी 6 दिसंबर को चौथी बैठक होने जा रही है. इस बैठक से पहले विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस बुधवार को होने जा रही इस मीटिंग में हिस्सा नहीं लेगी.