CWG 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स: पिता चलाते हैं पान की दुकान, बेटे ने फहराया तिरंगा, सिल्वर मेडल जीतकर रचा इतिहास

CWG 2022: Commonwealth Games: Father runs paan shop, son hoists tricolor, creates history by winning silver medal
CWG 2022: Commonwealth Games: Father runs paan shop, son hoists tricolor, creates history by winning silver medal
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बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में संकेत महादेव सरगर ने भारत को पहला मेडल दिलाया है। 21 साल के सरगर 55 किलो भार वर्ग वेटलिफ्टिंग में दूसरे स्थान रहे और उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। संकेत ने क्लीन एंड जर्क में 135 किलो का भार उठाया। इसके साथ महाराष्ट्र के सांगली के रहने संकेत ने इतिहास रच दिया। तीन बार के राष्ट्रीय चैंपियन और पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। संकेत स्वभाव से काफी शर्मीले हैं और मुकाबलों के दौरान अपनी टीम के सपोर्ट स्टाफ के अलावा और किसी से बात नहीं करते हैं।

संकेत महाराष्ट्र के सांगली के रहने वाले हैं। वेटलिफ्टिंग के अलावा संकेत के अपने पिता के पान की दुकान और खाने की दुकान में मदद करते हैं। वह अपने पिता को अब आराम करते हुए देखना चाहते हैं। संकेत ने इस साल फरवरी में सिंगापुर वेटलिफ्टिंग इंटरनेशनल में 256 किग्रा (स्नैच में 113 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 143 किग्रा) उठाकर कॉमनवेल्थ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया था।

पान की दुकान चलाते हैं संकेत के पिता

कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले ही संकेत ने कहा था कि अगर वह गोल्ड मेडल जीत लेते हैं वह अपने पिता की मदद करेंगे। संकेत के पिता सांगली में ही एक छोटी सी पान की दुकान चलाते हैं। संकेत भी पिता के साथ इस दुकान पर अपना हाथ बंटाते हैं। CWG से पहले उन्होंने कहा था कि, ‘मेरे पिता ने मेरे लिए काफी दुख सहा है। मैं उन्हें सिर्फ खुशियां देना चाहता हूं। इसके अलावा मेरा लक्ष्य पेरिस ओलिंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है।’

खेलो इंडिया यूथ गेम्स में संकेत ने जीता था दो गोल्ड

संकेत ने पिछले साल एनआईएस पटियाला में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था। वह कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय में इतिहास के छात्र हैं। संकेत ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।

वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए पिछले कॉमवेल्थ गेम्स में सतीश शिवलिंगम और रंगला वेंकेट राहुल ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था लेकिन दूसरे और तीसरे प्रयास में असफल होने के कारण संकेत को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा।