गाय के दूध में मिला जानलेवा वायरस, WHO ने दी चेतावनी

इस खबर को शेयर करें

Virus Found in Milk : दूध पीना फायदेमंद बताया गया है। इसका कारण है कि दूध में प्रोटीन के साथ बहुत साथ सारे पौषक तत्व भी होते हैं। दूध अगर गाय का हो तो यह और भी ज्यादा फायदेमंद हो जाता है। लेकिन हाल ही में इसमें बर्ड फ्लू (H5N1) वायरस मिला है, जिसे लेकर World Health Organisation (WHO) ने चेतावनी जारी की है। यह वायरस अमेरिका में मिला है। इसे लेकर अमेरिका की कई डेयरियों से दूध का सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए भेज दिया गया है।

जानलेवा है यह वायरस
बर्ड फ्लू वायरस हमारे लिए नया नहीं है। यह वायरस भारत में अपना असर दिखा चुका है। यह वायरस पक्षियों के जरिए इंसानों में चला जाता है जिससे इस वायरस की चपेट में आए शख्स की मौत भी हो सकती है। भारत में करीब 10 साल पहले यह वायरस काफी जगह फैला था, जिससे लोगों में दहशत पैदा हो गई थी। इस वायरस के कारण काफी संख्या में उन मुर्गियों और दूसरे पक्षियों को जिंदा दफना दिया गया था, जिनमें यह वायरस पाया गया था। पक्षियों में पाए जाने वाला यह वायरस अब दूसरे जानवरों और इंसानों तक पहुंच गया है। जानवरों में पहले यह बिल्लियों, भालू, लोमड़ी आदि में पाया जाता था। इस महीने की शुरुआत में यह वायरस गाय में भी मिला है।

गाय के दूध में बर्ड फ्लू वायरस मिला है

दूध में कहां से आया यह वायरस
मार्केट में मिलने वाला पैकेटबंद दूध पाश्चुराइज्ड मिल्क होता है। इसे गर्म करके तुरंत ही ठंडा किया जाता है जिससे इसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया मर जाते हैं। इसके बाद इसे पैक करके मार्केट में बेचने के लिए भेज दिया जाता है। यह बर्ड फ्लू वायरस इसी पाश्चुराइज्ड दूध में पाया गया है। यह वायरस अभी भारत में गाय के दूध में नहीं मिला है। यह अभी अमेरिका में ही मिला है।

गाय से इंसान में पहुंचा वायरस
अमेरिका की एक डेयरी में काम करने वाला एक शख्स इस बर्ड फ्लू वायरस की चपेट में आ गया। WHO के एक अधिकारी के मुताबिक यह ऐसा पहला मामला है जिसमें बर्ड फ्लू किसी जानवर से होते हुए इंसान में पहुंचा है। ऐसे में यह उन लोगों के शरीर में भी पहुंच सकता है जो गाय के दूध का सेवन करते हैं।

रिसर्च जारी
WHO के मुताबिक अगर गाय बर्ड फ्लू के वायरस की चपेट में आ जाती है तो यह वायरस गाय के कच्चे दूध में भी पहुंच सकता है जिसे इंसानों तक पहुंचे में देर नहीं लगेगी। हालांकि इस चीज को लेकर रिसर्च जारी है कि यह वायरस कच्चे दूध में कितनी देर जिंदा रह सकता है।