30 की उम्र में करें 10 काम, पत्थर भी हजम कर लेगी पाचन मशीन, बढ़ेगी भूख

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बेहतर स्वास्थ्य के लिए पाचन शक्ति का मजबूत होना जरूरी है। जाहिर है अगर खाया-पिया हजम ही नहीं होगा, तो आप बहुत ज्यादा नहीं खा पाएंगे। अगर सही से नहीं खाएंगे, तो शरीर का विकास भला कैसे होगा। पाचन मशीन कमजोर होने से आपको पेट की दिक्कतें, कमजोरी, खून नहीं बनना आदि का जोखिम हो सकता है।

अक्सर देखा गया है कि 30 साल की उम्र के बाद खाने-पीने की इच्छा कम हो जाती है। इसकी बड़ी वजह इस अवस्था के बाद पाचन का कमजोर होना है। इस उम्र में बहुत से लोग भूख में कमी, आलस, कब्ज, बवासीर, कब्ज, पेट में भारीपन, पेट फूलना, पेट में तेजाब बनना, कमजोरी आदि की शिकायत करते हैं। इन सबके पीछा पाचन क्रिया का धीमा होना है।

अगर आप पाचन शक्ति कैसे बढ़ाए, इसे लेकर कुछ दवाएं या उपाय खोज रहे हैं, तो आप सही जगह आए हैं। नॉएडा के ई-260 सेक्टर 27 स्थित ‘कपिल त्यागी आयुर्वेद क्लिनिक’ के डायरेक्टर कपिल त्यागी आपको पाचन शक्ति बढ़ाने के कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं, जिन्हें आजमाने के बाद आपकी पाचन मशीन पत्थर तक को हजम कर सकती है, साथ ही आपको खुलकर भूख लगेगी और कभी कब्ज या भारीपन की समस्या नहीं होगी।

सभी तरह के फूड्स खाएं
बहुत से लोग रोजाना एक जैसा ही खाना खाते हैं, इससे आपके पाचन पर नकारात्मक असर पड़ता है। आपको सभी तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अलग-अलग चीजों से शरीर को सभी तरह के जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, जो पेट और आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं।

खाने में भरपूर मात्रा में फाइबर लें

फाइबर अच्छे पाचन के लिए फायदेमंद है। घुलनशील फाइबर पानी को अवशोषित करता है और आपके मल में मात्रा जोड़ने में मदद करता है। अघुलनशील फाइबर टूथब्रश की तरह काम करता है, जो आपके पाचन तंत्र को सब कुछ चालू रखने में मदद करता है। साबुत अनाज, मेवे और बीज अघुलनशील फाइबर के अच्छे स्रोत हैं। फल-सब्जियां घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर से भरे होते हैं।

हेल्दी फैट भी है जरूरी

अच्छे पाचन के लिए हेल्दी फैट की जरूरत होती है। हेल्दी फैट विटामिन ए, डी, ई और के जैसे कुछ पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड आपके अल्सरेटिव कोलाइटिस का जोखिम कम कर सकता है। इसके लिए अलसी के बीज, चिया बीज, नट्स खासकर अखरोट, साथ ही सैल्मन, ट्यूना, मैकेरल और सार्डिन जैसी मछली का अधिक सेवन करें।

हाइड्रेटेड रहें
पानी और अन्य तरल पदार्थों का कम सेवन कब्ज से जुड़ा है। आपको रोजाना कम से कम दो से तीन लीटर पानी पियें। यदि आप गर्म जलवायु में हैं, तो इसकी मात्रा बढ़ा दें। पानी के अलावा, आप हर्बल चाय और बिना कैफीन वाली ड्रिंक्स लें। फल-सब्जियों का रस और सलाद का सेवन करें।

तनाव से बचें
तनाव आपके पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसे पेट के अल्सर, दस्त, कब्ज और आईबीएस से जोड़ा गया है। स्ट्रेस हार्मोन सीधे आपके पाचन को प्रभावित करते हैं। तनाव दूर करने के लिए सभी वाजिब उपाय अमल करें। इनके अलावा धीरे और समय पर खाएं, खाने को अच्छी तरह चबाएं, रोजाना हल्की एक्सरसाइज या रनिंग करें, अपने पेट की भूख समझें और उसके अनुसार खाएं, स्मोकिंग-शराब से बचें और रोजाना पर्याप्त नींद लें।