भारत की वजह से अमेरिका में अंडे होंगे महंगे, आप भी जाने वजह

Earths balance has become very bad in 50 years, take care or else you may have to pay a big price
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वॉशिंगटन: भारत के साथ व्यापारिक विवाद बढ़ाने की वजह से अमेरिका को जल्द ही बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। माना जा रहा है कि भारत के साथ व्यापारिक विवाद बढ़ने की वजह से अमेरिका को नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकन्स को अंडों के लिए अब ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।

अमेरिका में महंगे होंगे अंडे
अमेरिका, जो मुर्गियों को खिलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले जैविक सोया भोजन के 40% से ज्यादा उत्पाद के लिए भारत पर निर्भर है, वो अब इस दावे की जांच कर रहा है कि, भारत गलत तरीके से उत्पाद को डंप कर रहा है और अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचा रहा है। मर्कारिस के अर्थशास्त्र के निदेशक रयान कूरी के अनुसार, इसके पीछे “महत्वपूर्ण टैरिफ” नियम होने की संभावना है, जो जैविक बाजारों को ट्रैक करता है। यह डराने वाले व्यापारी हैं, जो प्रतिक्रिया के रूप में सोया मील की जमाखोरी कर रहे हैं, जिसकी वजह से मांग में उछाल और आपूर्ति में कमी आ सकती है और इसका नतीजा ये होगा कि अमेरिका में अंडों की कीमत काफी ज्यादा बढ़ सकती है।

सोया भोजन है बड़ी वजह
उपभोक्ताओं को ऐसे समय में जैविक अंडों के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। वहीं, पारंपरिक अंडों की कीमत में भी खुदरा मांग में वृद्धि के कारण इजाफा हुआ है। सोया भोजन में वृद्धि से जैविक मांस और यहां तक ​​कि डेयरी प्रोडक्ट्स भी महंगे हो सकते हैं और इसके पीछे खाद्य मुद्रास्फीति में आई वो वृद्धि है, जो कि महामारी शुरू होने के बाद से दुनिया भर में व्याप्त हो गई है।

जानिए क्यों होगी अमेरिका को दिक्कतें?
अमेरिका में एग इनोवेशन के प्रमुख जॉन ब्रूनक्वेल , जो अमेरिका में अंडों के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक हैं, उन्होंने कहा कि ”हमने अपने फॉर्म में 10 लाख से ज्यादा पक्षियों के लिए किसी तरह से खाने की व्यवस्था कर ली है, लेकिन उसके लिए मुझे 1700 डॉलर प्रति टन के हिसाब से पैसे खर्च करने पड़े हैं, जो पिछले साल के मुकाबले दोगुना है”। यानि, अगर अंडों के उत्पादक को ज्यादा खर्च आएगा, तो जाहिर सी बात है वो अंडों की कीमत में इजाफा करेंगे और उसका असर आम अमेरिकी लोगों पर होगा। अमेरिका में पक्षियों को खिलाने वाले जैविक सोयाबीन की कीमत शुक्रवार को 29.92 डॉलर प्रति बुशल पर पहुंच गया, जो एक साल पहले की तुलना में 47% ज्यादा है। इसके पीछे की वजह भारत के साथ व्यापार तनाव तो है ही, इसके साथ ही पिछले डेढ़ सालों में कोरोना महामारी की वजहग से शिपिंग में आई दिक्कतें भी जिम्मेदार हैं। ब्रुनक्वेल का अनुमान है कि एक दर्जन जैविक अंडों के उत्पादन की औसत प्रोडक्शन कीमत अकेले सिर्फ पक्षियों के खाने की लागत के हिसाब से देखें…तो वो 15 सेंट से 20 सेंट तक बढ़ गई।