मध्यप्रदेश में सबकी दुलारी गौरी चल बसी, गाजे-बाजे के साथ फूलों से सजी गाड़ी में दी आखिरी विदाई

Everybody's darling Gauri passed away in Madhya Pradesh, given last farewell in a car decorated with flowers with music and music
Everybody's darling Gauri passed away in Madhya Pradesh, given last farewell in a car decorated with flowers with music and music
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दमोह. मध्यप्रदेश के दमोह जिले में एक गाय की मौत हो जाने पर स्थानीय लोगों ने उसे अनोखे तरीके से अंतिम विदाई दी. गाय की अंतिम यात्रा में सबसे आगे बैंड बाजे, फूल माला से सुसज्जित चार पहिया वाहन में लाल ओढ़नी से ढंकी गौ माता का पार्थिव शरीर था. उनके पीछे-पीछे जय गौ माता, जय गोपाल के नारे लगाते हुए लोग नजर आ रहे थे. दमोह जिले के हटा में गाय की मौत के बाद उसे गाजे-बाजे के साथ विदा किया गया. गांव हटा के रहने वाले सुधीर सोनी का परिवार बेजुबान गौ वंश को अपने परिवार का सदस्य मानता था. गाय की मृत्यु हो जाने पर उसे सम्मान के साथ विदाई दी गई.

गाय को पूरा गांव गौरी कहकर बुलाता था. उसकी अंतिम यात्रा में सबसे आगे बैंड बाजे थे. फूल माला से सजाए गए चार पहिया वाहन में लाल ओढ़नी से ढंकी गौ माता का पार्थिव शरीर था. इसके पीछे-कई लोगों की भीड़ जय गौ माता-जय गोपाल के नारे लगाते हुए चल रही थी. इस अंतिम यात्रा को जिसने भी देखा एक पल के लिए अचंभित रह गया.

हटा के कोऑपरेटिव बैंक के पास रहने वाले सुधीर सोनी के यहां 13 साल से गाय गौरी रह रही थी. वह स्वभाव में बेहद सीधी थी और घर में सभी सदस्यों की लाडली भी थी. बाहर गयी थी तभी उसने कोई जहरीला अनाज खा लिया. इस वजह से वह बीमार हो गई थी.

गौरी के बीमार हो जाने पर उसका इलाज भी कराया गया, लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका. इसके बाद सुधीर के परिवार ने सुरभि गौ सेवा समिति की सेवा भावना से प्रभावित होकर गाय को सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने का निर्णय लिया. गाय की अंतिम यात्रा से पहले उसका पूजन किया गया. इसके बाद उसकी गाजे-बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई जिसमें कई लोग शामिल हुए. इसके साथ ही मुक्ति धाम में गौ सेवकों की उपस्थिति में गड्ढ़े में गाय का विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया.