रायपुर: Chhattisgarh Liquor Scam Case: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा (Anil Tuteja) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले की विशेष अदालत (PMLA Court) ने बुधवार को शराब घोटाला मामले में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को पांच दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया. ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडे ने बताया कि पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को 29 अप्रैल तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है. टुटेजा को कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. पांडेय ने बताया कि ईडी ने कथित शराब घोटाला (Liquor Scam) मामले में इस साल 11 अप्रैल को धन शोधन का एक नया मामला दर्ज किया था.
अधिवक्ता ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी), रायपुर ने जनवरी, 2024 में कथित शराब घोटाले में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था और अपनी जांच शुरू की थी.
टुटेजा ने CM साय को लिखा पत्र
2000 करोड़ रुपये के कथित आबकारी घोटाले मामले में आरोपी, रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है. 18 पन्नों के इस पत्र में टुटेजा ने लिखा कि शराब घोटाला मामले में उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. इसके साथ ही टुटेजा ने सीएम साय से मांग की कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के तहत उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए.
ईडी ने टुटेजा और उनके बेटे से की पूछताछ
ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने कहा कि चूंकि भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं धन शोधन अधिनियम के तहत अनुसूचित अपराध के तहत आती हैं, इसलिए ईडी जोनल कार्यालय रायपुर ने इन अनुसूची अपराधों से संबंधित एक नया मामला दर्ज किया है. उन्होंने बताया कि ईडी ने टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को तब बुलाया जब वे शनिवार को एसीबी कार्यालय रायपुर में अपना बयान दर्ज करा रहे थे. इसके बाद वे केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय आए.
अधिवक्ता ने बताया कि इसके बाद ईडी ने दोनों से पूछताछ की और सबूतों के आधार पर अनिल टुटेजा को शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया गया. टुटेजा पिछले साल सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे. उन्हें आखिरी बार छत्तीसगढ़ के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था.