उत्तराखंड में चला गरीब तबकों के धर्मांतरण का खेल… 10 लाख में डील… अमेरिका से आए लोग कर रहे थे ब्रेन वॉश

Game of conversion of poor sections in Uttarakhand... Deal for 10 lakhs... People from America were doing brain wash
Game of conversion of poor sections in Uttarakhand... Deal for 10 lakhs... People from America were doing brain wash
इस खबर को शेयर करें

किच्छा : Conversion: बंगाल में एनजीओ रजिस्टर्ड करवाने के बाद उसके आधार पर बंगाली कालोनी आजादनगर में मतांतरण का खेल चल रहा था। गरीब तबके के लोगों को यूएसए से आए प्रतिनिधि मतांतरण के लिए प्रेरित कर रहे थे। इसके लिए बरेली के एक द्विभाषिये को भी बुलाया गया था। केंद्र में 40 के करीब लोगों को दस लाख रुपये प्रति परिवार को देने की चर्चा सामने आई है। पुलिस के साथ ही खुफिया एजेंसी भी सक्रिय हो गई हैं।

बंगाली कालोनी आजादनगर में एक शिक्षा केंद्र बना कर मतांतरण का खेल चल रहा था। केंद्र में 40 के करीब युवा व बुजुर्ग बुलाए गए थे। उनके लिए मांसाहारी भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। पिछले तीन दिन से चल रहे खेल का बुधवार को पता चला। भाजपा मंडल अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना की अगुवाई में वहां टीम पहुंची तो वहां पर दो यूएसए के नागरिकों सहित तीन लोग केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे।

वाहन मंगवा कर यूएसए के नागरिकों को निकाला
यूएसए नागरिकों को हिंदी न आने के कारण बरेली निवासी बीएससी के छात्र को द्विभाषिये के रूप में रखा गया था। यूएसए के नागरिक अपनी बात करते थे तो उसे बरेली का नागरिक ट्रांसलेट कर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने वाले लोगों को समझाता था। भाजपा नेता जब वहां पहुंचे तो उनको बातों में उलझाने के बाद भवन के पीछे के दूसरे रास्ते पर वाहन मंगवा कर यूएसए के नागरिकों को निकाल दिया गया। उसके बाद भाजपा नेताओं के हल्ला मचाने के बाद पुलिस हरकत में आई।

खुफिया एजेंसी के साथ ही स्थानीय पुलिस ने भी जानकारी ली। आइबी की टीम ने भी कोतवाली पहुंच कर वहां पूछताछ के लिए बुलाए गए चाचा भतीजे से पूरी जानकारी ली। जांच में सामने आया कि बरेली निवासी युवक बंगाल में चर्च के फादर के साथ रहा था। उसकी मौत के बाद बंगाल में एक एनजीओ रजिस्टर्ड कराया। उसके बाद उसने बंगाली कालोनी आजादनगर में आकर शिक्षा केंद्र संचालित करने लगा जहां पर मतांतरण के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा था। पुलिस पकड़े गए दोनों लोगों से जानकारी ले मामले की तह तक पहुंचने में जुटी है।

पुलिस को भाजपा मंडल अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना द्वारा सूचना दी गई। सूचना देने के आधा घंटे बाद पुलिस की टीम वहां पहुंची। जबकि दरऊ चौकी से स्थान की दूरी मात्र पांच से दस मिनट की दूरी पर है। पुलिस मामले की गंभीरता को समझाते हुए समय से पहुंच जाती तो यूएसए के नागरिक भी पुलिस के हाथ लग जाते और दूध का दूध और पानी का पानी तुरंत हो जाता।

यूएसए के नागरिक दो दिनों से स्थानीय होटल में रुके हुए थे। बुधवार को ही उनकी वापसी का कार्यक्रम तय था। इसके चलते उन्होंने सुबह ही होटल से चेक आउट किया। उसके बाद वह बंगाली कालोनी आजादनगर चले गए। वहां से उनके बरेली जाने की योजना थी और वह हल्ला मचने के बाद आनन-फानन वहां से निकल गए। होटल में कमरा बुक करते समय कमरा बुक करवाने वाले एनजीओ संचालक का भी आइडी कार्ड होटल प्रबंधक द्वारा यूएसए के नागरिकों के वीजा व पासपोर्ट के साथ ले लिया था। इसके चलते पुलिस ने उस आइडी कार्ड के आधार पर एनजीओ संचालक व उसके द्विभाषीय भतीजे से पूछताछ कर रही है।

उत्तर प्रदेश में सख्ती के बाद बदमाशों के उत्तराखंड में पनाह लेने की बात तो लगातार उठती ही थी अब उत्तर प्रदेश के लोगों को मतांतरण के लिए भी उत्तराखंड की धरती भाने लग गई है। बंगाली कालोनी आजादनगर वार्ड नंबर दो में धर्मांतरण के खेल में स्थानीय कोई नहीं है। उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद से इसके तार जुड़े हैं। जिसने पुलिस के सत्यापन अभियान के दावे की भी पोल खोल दी है।

स्थानीय स्तर पर मामले को रफा दफा करने का चल रहा दवाब मतांतरण के लिए लगे लोगों के हाथ बहुत लंबे दिखाई दे रहे हैं। स्थानीय स्तर पर भी उनको काफी सपोर्ट मिल रहा है। जो लोग उनके संपर्क में आकर मतांतरण कर चुके हैं वह भी प्रभावशाली पदों पर पहुंच कर बैठे हैं। पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। वहीं मामले को रफा दफा करने का दबाव पड़ना शुरू हो गया है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि धर्मांतरण का खेल किस कदर तक अपनी जड़े जमाता जा रहा है।