PM Kisan की 14वीं क‍िस्‍त से पहले आई खुशखबरी, सरकार क‍िसानों को फ्री में देगी यह चीज

Good news came before the 14th installment of PM Kisan, the government will give this thing to the farmers for free
Good news came before the 14th installment of PM Kisan, the government will give this thing to the farmers for free
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Millet Cultivation: अगर आप भी पीएम क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि (PM Kisan Samman Nidhi) के ल‍िए पात्र हैं तो यह खबर आपके काम की है. सरकार की तरफ से क‍िसानों को आर्थ‍िक रूप से मजबूती देने के ल‍िए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. पीएम क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि के तौर पर केंद्र सरकार की तरफ से सबसे महत्‍वाकांक्षी योजना चलाई जा रही है. अब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में 8,000 हेक्टेयर भूमि पर पारंपरिक मोटे अनाज की फसलों की खेती को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा है.

100 प्रतिशत सब्सिडी की योजना
यह प्रक्रिया जम्मू इलाके के 10 जिलों में किसानों को 100 प्रतिशत सब्सिडी के साथ मोटे अनाज की 7 किस्मों के बीज उपलब्ध कराकर शुरू की जाएगी. इस साल फरवरी में प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में मोटे अनाज के उत्पादन और खपत को बढ़ाने के अलावा पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए 15 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी थी. अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना का मकसद करीब 8,000 हेक्टेयर भूमि में पारंपरिक मोटे अनाज खेती को पुनर्जीवित करना और प्रति हेक्टेयर उत्पादकता को 10 से बढ़ाकर 20 क्‍व‍िंटल करने का है.

मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देना मकसद
कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि तीन साल में लागू की जाने वाली परियोजना का मकसद मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देना है. साथ ही उनका मूल्‍य बढ़ाना और किसानों के लिए एंटरप्र‍िन्‍योरश‍िप के अवसर पैदा करना है. परियोजना के हिस्से के रूप में कृषि विभाग ने मोटा अनाज उगाने के लिए 1,400 हेक्टेयर क्षेत्र निर्धारित किया है और किसानों को 100 प्रतिशत सब्सिडी के साथ बीज उपलब्ध कराया जा रहा है.

उत्पादन के लिए 1,400 हेक्टेयर क्षेत्र तय किया
कृषि (लागत) विभाग के संयुक्त निदेशक, एएस रीन ने बताया, ‘जम्मू ड‍िव‍िजन के 10 जिलों में कृषि विभाग ने मोटे अनाज के उत्पादन के लिए 1,400 हेक्टेयर क्षेत्र तय किया है. हमारे पास मोटे अनाज की 7 अलग-अलग किस्में हैं. किसानों को लगभग 100 प्रतिशत सब्सिडी पर बीज उपलब्ध कराने जा रहे हैं.’ रीन ने कहा कि अगर कोई किसान म‍िन‍ि प्रोसेस‍िंग प्‍लांट शुरू करना चाहता है, तो सरकार चार से 5.25 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘हम मोटे अनाज वाले रेस्तरां को बढ़ावा दे रहे हैं. मोटा अनाज आधारित भोजन पेश करने के लिए उन्हें 2 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रहे हैं.’ मोटा अनाज को जलवायु परिवर्तन के प्रति सहिष्णुपन के कारण ‘चमत्कारिक अनाज’ या ‘भविष्य की फसल’ के रूप में जाना जाता है.