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चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज 70 वर्ष के हो गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य नेताओं ने उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल जन्मदिवस के मौके पर हरियाणा सरकार की नशे के खिलाफ और पानी बचाने की मुहिम को और भी मजबूत करेंगे। मनोहर लाल खट्टर ने 2014 में हरियाणा के सीएम बनकर सबको चौंका दिया था। BJP के केंद्रीय नेतृत्व ने पहली बार जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा में गैर जाट मुख्यमंत्री बना कर नया प्रयोग किया था। इसके बाद 2019 में भी हुए विधानसभा चुनाव में BJP-JJP की गठबंधन सरकार बनी तो फिर केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हीं पर विश्वास जताते हुए सीएम की कुर्सी पर बिठाया।
अब पढ़िए मनोहर लाल खट्टर के जीवन की पूरी कहानी…
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का जन्म 5 मई 1954 को तब के पंजाब के निंदाना गांव में हुआ। पंजाब-हरियाणा विभाजन के बाद गांव निंदाना हरियाणा के रोहतक जिले में पड़ता है। उनका परिवार 1947 में भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकर निंदाना गांव में बसा। शुरुआती दिनों में मनोहर लाल खट्टर के पिता और दादा को दूसरों के खेतों में मजदूरी भी करनी पड़ी थी। बाद में उनके परिवार ने खुद की जमीन खरीद कर खेती शुरू की। पांच भाइयों में मनोहर सबसे बड़े थे। लिहाजा छोटी उम्र से ही उन पर बड़ी जिम्मेवारी थी।
साइकिल से मंडी तक सब्जी पहुंचाकर आते थे स्कूल
पढ़ाई के दौरान खट्टर के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। उनके पिता हरवंश लाल सब्जी उगाते थे। जब मनोहर लाल 10वीं में आए तो सुबह उठकर खेत में सब्जी तोड़ने जाते थे। फिर साइकिल पर सब्जी लादकर रोहतक मंडी पहुंचाते थे। इसके बाद स्कूल जाते। 10वीं पास करने के बाद घर के हालात को देखकर उन्होंने दुकान चलानी शुरू की। मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। 1977 में 24 वर्ष की उम्र में वह RSS से जुड़े। 27 साल की उम्र में वे संघ के बड़े प्रचारक बन गए। इस बीच उनके परिजन उन पर शादी करने का दबाव बना रहे थे, लेकिन उन्होंने संघ को प्रमुखता दी और शादी नहीं करने की शपथ ली। 14 साल तक वो लगातार संघ के लिए काम करते रहे, जिसका फायदा उन्हें 1994 में बीजेपी में शामिल कर मिला। बीजेपी ने खट्टर को हरियाणा का महासचिव बनाया।
पहली बार चुनाव लड़े, जीते और मुख्यमंत्री बने
2014 के विधानसभा चुनाव तक लोग हरियाणा में सीएम पद के लिए खट्टर के चेहरे से अनजान थे, क्योंकि खट्टर ने पहली बार ही विधानसभा चुनाव लड़ा था। उस समय हरियाणा में जाटों के दिग्गज नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार थी। इस चुनाव में उन्हें जीत मिली। मनोहर लाल खट्टर को संघ की सेवा और प्रचारक होने का फायदा मिला और वह राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए। फिर 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर वो राज्य के मुख्यमंत्री बने।