कॉलेज छोड़कर खाली बैठे युवाओं का पता लगाएगी हरियाणा सरकार, फिर दिलाएगी ट्रेनिंग

Haryana government will find out the youths sitting vacant after leaving college, then will provide training
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चंडीगढ़: हरियाणा में स्कूली ड्रॉपआउट के साथ-साथ कॉलेज ड्रॉपआउट की समस्या भी लगातार बढ़ रही है। अब स्टूडेंट्स ही अपने हम उम्र युवाओं के कॉलेज बीच में छोड़ने के कारणों का पता लगाएंगे। इसके लिए सर्वे करने वाले बच्चों को बकायदा पांच अंक भी मिलेंगे। उच्चतर शिक्षा विभाग ने सोमवार को इस संबंध में गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। हरियाणा में स्कूली बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ने का मामला लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल ही में शिक्षा मंत्री की ओर से पेश की गई वर्ष 2021-2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान पहली से लेकर पांचवीं तक लड़कियों की ड्रॉपआउट दर शून्य प्रतिशत रही। इसके बाद छठी से लेकर आठवीं कक्षा तक की ड्रॉपआउट दर जहां 0.2 प्रतिशत थी, वहीं नौवीं से दसवीं कक्षा तक की यह दर 4.9 प्रतिशत रही है।

ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा में कॉलेजों के विद्यार्थी भी पढ़ाई बीच में छोड़ रहे हैं। शिक्षा विभाग का मानना है कि विद्यार्थी जैसे-जैसे बड़ी कक्षाओं में जाते हैं वैसे-वैसे नियमित कक्षाओं से दूर हो रहे हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग ने ड्रॉपआउट युवाओं का पता लगाने के लिए कॉलेज स्टूडेंट्स की ड्यूटी लगाई है। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत पांच अंक दिए जाएंगे। विद्यार्थियों को सर्वे के माध्यम से यह पता लगाना होगा कि राज्य में 18 से 25 साल तक ऐसे कितने युवा हैं जो कॉलेज छोड़कर खाली बैठे हुए हैं।

छात्रों और शिक्षकों को टैबलेट दिए गए
हरियाणा उच्च शिक्षा विभाग को सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि राज्य में कॉलेज ड्रॉपआउट युवाओं का डेटा एकत्र किया जाए। सरकार चाहती है कि सूबे में कॉलेज छोड़कर घर बैठे युवाओं को वापस उच्च शिक्षा से जोड़ा जाए। इसके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि ऐसे सूबे में कितने युवा हैं। इसके बाद सरकार इन युवाओं को उनकी रूचि के आधार पर उन्हें रोजगार परक प्रशिक्षण दिलाने का काम करेगी। डोर टु डोर सर्वे से विद्यार्थियों को ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स की व्यवसायिक स्थिति के साथ ही शैक्षणिक योग्यता की जानकारी एकत्र करनी होगी। इसके लिए विभाग की ओर से छात्रों और शिक्षकों को टैबलेट दिए गए हैं।

नोडल ऑफिसर किए तैनात
इस कार्य को बेहतर करने के लिए उच्च शिक्षा अधिकारियों और कॉलेज प्रिंसिपल को नोडल अफसर बनाया गया है। साथ ही कॉलेज में कमिटियां भी बनाई गई हैं। इस कार्य के लिए एक वट्सऐप ग्रुप बनाया जाए, जिसमें सर्वे से जुड़े सभी लोगों के नंबरों को जोड़ा जाए। इसके अलावा कॉलेज प्रिंसिपल को अपने संबंधित उच्च शिक्षा अधिकारियों को सर्वे की एक डेली रिपोर्ट बनाकर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।