छींक रोकने का खौफनाक नतीजा! शख्स की श्वास नली में हुआ छेद, जानिए आगे क्या हुआ?

Horrible result of stopping sneezing! There was a hole in the person's windpipe, know what happened next?
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हमने अक्सर सुना है कि छींक रोकने से दिमाग फट सकता है या आंखें बाहर आ सकती हैं, लेकिन हाल ही में एक घटना ने साबित किया है कि यह कोई कहानी नहीं, बल्कि सच है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) की एक केस स्टडी के मुताबिक, एक आदमी ने छींक रोकने की कोशिश में अपनी श्वास नली में एक छोटा सा छेद कर लिया. रिपोर्ट के मुताबिक, आदमी कार चला रहा था जब उसे जुकाम का अटैक हुआ. छींक आने का तेज झोंक आया, लेकिन उसने उसे रोकने के लिए नाक दबा ली और मुंह बंद कर लिया. छींक का दबाव इतना तेज था कि उसकी श्वास नली में 0.08 बाय 0.08 इंच (2 बाय 2 मिलीमीटर) का छेद हो गया.

ऐसा क्यों हुआ?
छींकना एक जैविक प्रक्रिया है और इसके साथ काफी दबाव बनता है, यही कारण है कि इसे सर्दी और खांसी के दौरान संक्रामक माना जाता है. जब आप छींक रोकते हैं, तो जो दबाव बनता है, वह सामान्य छींक के दबाव से लगभग 20 गुना अधिक होता है. इसी वजह से उस आदमी की श्वास नली में छेद हो गया.

हवा फंस गई!
गर्दन के एक्स-रे से पता चला कि छींक के कारण हवा त्वचा के सबसे गहरे टिशू के नीचे फंस गई थी. इसके बाद सीटी स्कैन से पता चला कि छींक ने तीसरी और चौथी हड्डी के बीच की मांसपेशियों को फाड़ दिया था. हवा छाती के बीच फेफड़ों के बीच के स्थान में भी जमा हो गई थी.

शख्स क्या हुआ?
रिपोर्ट के मुताबिक, वह असहनीय दर्द में था और उसकी गर्दन दोनों तरफ सूज गई थी. वह हिल भी नहीं सकता था. डॉक्टरों ने उसकी जांच की, तो उन्हें एक कर्कश आवाज सुनाई दी. हालांकि उसे सांस लेने, निगलने और बात करने में कोई समस्या नहीं थी, लेकिन उसके गले के हिलने पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था. उसे दर्द निवारक दवाएं दी गईं और पूरी तरह ठीक होने में उसे 5 दिन लग गए.

इससे क्या सीख मिली?
यह घटना हमें सिखाती है कि छींक को रोकने का प्रयास बिल्कुल न करें. छींकना आपके शरीर की रक्षा करने का एक नेचुरल तरीका है और इसे रोकने से गंभीर नुकसान हो सकते हैं. अगर आपको छींक आ रही है, तो उसे खुले रूप से आने दें.