- देहरादून हावड़ा एक्सप्रेस में लगी आग, बोगियों में भरा धुआं तो ट्रेन से कूदने लगे यात्री, फिर क्या हुआ? - May 14, 2024
- बिकने वाली है हल्दीराम स्नैक्स? हजारों करोड़ की डील की दौड़ में कौन सी कंपनियां शामिल - May 14, 2024
- 3 अरब का बिजनेस बनाने का था प्लान, परीक्षार्थियों को रटवाया गया था क्वेश्चन पेपर - May 14, 2024
हिसार। हरियाणा में मानसून की वर्षा हो रही है। कई इलाकों में अच्छी वर्षा देखने को मिली है। इसके अलावा तेज हवाएं भी चल रही हैं। वर्षा और तेज हवाओं से धान की फसल को नुकसान होगा। उत्तरी हरियाणा के अधिकांश जिलों में धान पकने को है और कुछ जगह पककर तैयार हो चुकी है। ऐसे में वर्षा के साथ तेज हवाएं चलने से फसल बिछ गई है, साथ ही खेत में पानी खड़ा रहने से फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी।
इससे उत्पादन क्षमता पर असर पड़ेगा। इसी तरह कपास की फसल भी पककर तैयार है। वर्षा के कारण चुगाई का काम प्रभावित होगा। कपास का टिंडा इन दिनों खुला हुआ है। वर्षा में कपास भीगने से वह काली पड़ जाएगी। इससे कपास की उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों ही प्रभावित हो रही है। बाजरे की फसल भी इन दिनों पककर तैयार हो जाती है। वर्षा बाजरे की पैदावार पर भी असर पड़ेगा। हरियाणा में दो दिन से हो रही वर्षा ने ही किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जहां एक ओर वर्षा से फसलों को नुकसान है।
सरसों व चने लगाने की तैयारी कर रहे किसानों को इससे फायदा होगा। जहां बिरानी जमीन है उन किसानों के लिए यह वर्षा आने वाली फसल के वरदान साबित होगी। सरसों और चने की फसल लगाने से पूर्व किसानों को खेत में नमी बनाने के लिए सिंचाई की जरूरत पड़ती है। मगर इस वर्षा से खेतों में नमी चली गई है। दशहरे के बाद चने और सरसों की बिजाई शुरू हो जाएगी। नमी वाले खेत में बिजाई से बीज में फुटाव जल्दी होगा। इससे किसानों का सिंचाई का खर्च बचेगा और पैदावार भी अच्छी होगी। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मदन खिचड़ के अनुसार आने वाले दो दिनों में वर्षा इसी प्रकार जारी रहेगी। हरियाणा अधिकांश इलाकों में बारिश देखने को मिलेगी।