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गुरुग्राम। गुरुग्राम सहित पूरे एनसीआर और प्रदेश भर में पिछले तीन दिन से तेज वर्षा हो रही है। शनिवार सुबह से ही बारिश का दौर जारी है। गुरुग्राम और रेवाड़ी को छोड़कर दिल्ली और एनसीआर के शहरों में धीमी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, बारिश का यह दौर आगामी सोमवार तक जारी रहेगा। उधर, चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खीचड़ के मुताबिक, पंजाब के ऊपर एक साइक्लोनिक सरकुलेशन (चक्रवाती परिसंचरण) बनने से बंगाल की खाड़ी से नमी वाली मानसूनी हवाओं के आने के प्रभाव से हरियाणा में पिछले तीन दिनों में ज्यादातर क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई।
झमाझम बारिश के बावजूद आंकड़ों में पीछे
डा. मदान खीचड़ के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून के 30 जून के प्रवेश से लेकर 23 सितंबर के दौरान प्रदेश में 381.7 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है जो सामान्य बारिश (423.2 मिलीमीटर) से 10 प्रतिशत कम है। सबसे कम वर्षा वाले जिलों में नूंह, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी भी शामिल हैं।
रविवार तक ऐसा ही रहेगा मौसम
बंगाल की तरफ से नमी वाली हवाओं तथा पंजाब के ऊपर एक साइक्लोनिक सरकुलेशन बनने से प्रदेश में अगले दो दिनों यानी 25 सितंबर तक ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना है। इस दौरान गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, नूंह, पलवल , फरीदाबाद, सोनीपत में कहीं- कहीं बूंदाबांदी और हल्की वर्षा की संभावना है। इसके बाद मौसम साफ रहने की संभावना है।
भगवान भरोसे हैं गुरुग्राम की व्यवस्था
कांग्रेस व्यापार सेल के चेयरमैन पंकज डावर ने कहा कि बृहस्पतिवार से गुरुग्राम में शुरू हुई वर्षा यहां की व्यवस्था की पोल को खोल दिया है। पूरे शहर में जलभराव हो गया है। इससे स्पष्ट होता है कि नगर निगम और जिला प्रशासन वर्षा जल निकासी की व्यवस्था करने में पूरी तरह से अक्षम रहा है। यह प्रदेश सरकार की विफलता है।
जलनिकासी के इंतजाम भी हुए फेल
उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। बिजली व्यवस्था चौपट हो गई है। नालों की सफाई ठीक से की गई होती तो शहर में इतना जलभराव नहीं होता। कालोनियों से लेकर पाश इलाकों तक में जलभराव हो गया है। जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर करोड़े रुपये खर्च किए जाते हैं। जमीनी स्तर पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। स्थानीय प्रशासन अपनी जवाबदेही तय कर जनता को जवाब दे। भाजपा की सरकार बीते आठ सालों के दौरान जल निकासी की व्यवस्था नहीं कर पाई है।