इंसान के जीवन में शादी- विवाह बहुत महत्वपूर्ण इवेंट होता है। शादी- विवाह जैसे बंधन को बहुत पवित्र भी माना जाता है। खासकर हिंदुओं में शादी का काफी महत्वपूर्ण स्थान होता है।
भारत के कानून में भी हिंदू धर्म के मुताबिक एक शादी करने की परमिशन है। आपको बता दे कि भारत के ही एक राज्य में ऐसा इलाका है जहां पुरूष बिना किसी बवाल के आराम से दूसरी शादी कर लेते हैं। ओर तो ओर इस शादी की इजाजत तब ही होती है जब उस पुरुष की पत्नी गर्भवती हो तो ही ये शादी एक ख़ास मकसद को पूरा करने के लिए किया जाता है।
सात फेरो के तोड़े वादे
सात जन्म एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा करने वाला वो पति अपनी पत्नी के गर्भवती होते ही दूसरी शादी कर लेता है। इन सभी के बावजूद भी उसकी पत्नी या समाज उस शक्स से कुछ नहीं कहता। इसका एक खास कारण है, वो कारण है पानी। जी हां, पानी ही वो खास कारण है, जिसके कारण से गर्भवती पत्नी भी अपने इच्छा से अपने पति की दूसरी शादी करवा देती है। ये कहानी एक गाँव की है, जहां सिर्फ और सिर्फ पानी के लिए एक पत्नी गर्भधारण करने के बाद भी अपने पति के लिए दूसरी पत्नी के लिए मान जाती हैं।
पानी ढोने के लिए लाते थे दूसरी पत्नी
राजस्थान के बाड़मेर जिले के देरासर गांव में सदियों से एक अजीबोगरीब रीति रिवाज की परंपरा निभाई जा रही है। इस गांव में जब भी किसी इंसान की पत्नी गर्भधारण करती है, तो उसका पति तुरंत ही दूसरी शादी कर लेता है। उसकी पत्नी को ही नहीं बल्कि गांव में भी किसी को इस शादी से ऐतराज नही है। क्योंकि, इस क्षेत्र में पानी की बहुत किल्लत है। जिससे औरत को दूर-दूर से जाकर पानी भर कर लाना पड़ता है। लेकिन जब कोई महिला गर्भवती हो जाती है तो वो पानी नहीं भर पाती, और ऐसे में पुरुष दूसरी शादी कर लेता है।
पत्नी और समाज भी नही करता इसका विरोध
इस क्षेत्र में पीने के पानी की बहुत ही दिक्कत है। पुरुष लोग तो घर से बाहर जा काम करते है। ऐसे में सिर्फ महिलाएं ही घूंघट डालकर पानी लेने के लिए दूर-दूर तक चली जाती हैं। लेकिन जब वहीं एक महिला गर्भवती हो जाती है तो उसके लिए पानी भरकर ला पाना बहुत कठिन हो जाता है। इसी कारण उस महिला का पति दूसरी शादी कर लेता है ताकि घर में पानी आता रहे पानी की कमी न होने पाए। गर्भवती पत्नी घर पर ही आराम करती है और दूसरी पत्नी पानी भरने दूर दूर तक जाती है। इसीलिए अपने पति की दूसरी शादी पर पत्नी कोई नाराजगी नहीं जताती है।