उत्तराखंड में अपने पड़ोसियों से भी वोट नहीं डलवा पाए माननीय, दावे की हवा निकली; जानें डिटेल

In Uttarakhand, the Honorable could not even get his neighbors to vote, the claim went out the window; Know details
In Uttarakhand, the Honorable could not even get his neighbors to vote, the claim went out the window; Know details
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नैनीताल: लोकसभा चुनाव से पहले दिग्गजों ने मतदान के लिए जमकर अपील की। लोगों से संपर्क किया…सीएम ने तो ऐेतिहासिक मतदान और ऐतिहासिक जीत का दावा किया था लेकिन मतदान में जो गिरावट इस बार देखने में आई, ऐसी गिरावट 10-15 साल बाद आई है। आम बूथों की बात छोड़ दीजिए, दिग्गज अपने बूथों तक भी मतदाताओं को ला पाने में सफल नहीं हो सके। स्वयं सीएम के अपने बूथ पर इस बार 11.02 फीसदी मतदान की कमी आई। यही नहीं, उनके मंत्री सौरभ बहुगुणा के अपने बूथ पर भी इस बार पिछले चुनाव की तुलना में 11.57 फीसदी कम मतदान हुआ। यह हाल तब है जब चुनाव और पिछले चुनाव में सबसे अधिक मतदान सितारगंज विधानसभा क्षेत्र में हुआ।

अल्मोड़ा जिले की छह विधानसभा सीटों पर काबिज भाजपा और कांग्रेस के दो-दो विधायकों के अपने बूथ पर मत प्रतिशत 50 प्रतिशत भी नहीं पहुंच सका है और वे मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने में विफल रहे हैं। हालांकि भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा के साथ ही सोमेश्वर से भाजपा विधायक रेखा आर्या और अल्मोड़ा से कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी के अपने बूथ पर 50 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है और इन बूथों पर पिछली बार की अपेक्षा मत प्रतिशत भी बढ़ा है। वहीं, सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना, रानीखेत से डॉ. प्रमोद नैनवाल, जागेश्वर के विधायक मोहन सिंह मेहरा और द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट अपने घर के बूथ पर भी मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने में सफल नहीं हो सके।

पिथौरागढ़ जिले के भी चारों विधायक मतदाताओं को अपने बूथों तक आकर्षित नहीं कर पाए। यही स्थिति ऊधमसिंह नगर जिले के विधायकों की भी रही। उनके बूथों पर भी पिछली बार के मुकाबले कम मतदान हुआ। जसपुर विधानसभा क्षेत्र में विधायक आदेश चौहान की राप्रावि निवार मंडी बूथ पर पिछले लोकसभा चुनाव की अपेक्षा 7.32 फीसदी कम मतदान हुआ। गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय के बूथ पर 5.64 फीसदी और भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले रुद्रपुर विधानसभा में विधायक शिव अरोरा के बूथ पर 7.93 फीसदी कम मतदान रहा। किच्छा में विधायक तिलकराज बेहड़ के बूथ पर 3.85 फीसदी कम मतदान रहा।

कम मतदान के चाहे जो भी मायने निकलते हों, पर कहीं न कहीं यह मतदाताओं की जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी को ही दर्शाता है। जनप्रतिनिधियों को समझना होगा कि जनता को काम चाहिए। अगर आप काम नहीं करोगे तो उसके पास आपके विरोध का और कोई तरीका नहीं है। आइए जानते हैं जिन बूथों पर दिग्गजों ने मतदान किया वहां इस बार वोटिंग का ग्राफ कैसा रहा…

दिग्गजों के बूथों का हाल (अल्मोड़ा संसदीय सीट)
विधायक विधानसभा सीट बूथ 2024 2019
सीएम धामी चंपावत खटीमा 62.23 73.25
प्रदीप टम्टा अल्मोड़ा बागेश्वर 52.10 57.46
पार्वती दास बागेश्वर बागेश्वर 48.93 56.03
सुरेश गढ़िया कपकोट कपकोट 61.19 60.08
बिशन सिंह डीडीहाट डीडीहाट 59.00 65.00
हरीश धामी धारचूला मदकोट 50.58 61.00
मयूख महर पिथौरागढ़ चेसर बूथ 54.00 55.00
फकीर राम गंगोलीहाट गंगोलीहाट 51.41 60.00
महेश जीना सल्ट डुंगरी 40.74 51.02
प्रमोद नैनवाल रानीखेत दनपौ 45.84 52.24
मोहन मेहरा जागेश्वर पाली 44.94 50.94
रेखा आर्या सोमेश्वर जीआईसी 65.71 52.21
मनोज तिवारी अल्मोड़ा एडम्स 55.34 54.01
मदन बिष्ट द्वाराहाट बग्वालीपोखर 45.60 51.62
अजय टम्टा प्रत्याशी कांग्रेस दुगालखोला 53.17 53.04
करन माहरा अध्यक्ष कांग्रेस केवी रानीखेत 53.27 52.95
गोविंद कुंजवाल नेता कांग्रेस प्रा.वि.कुंज 46.40 50.19
अजय भट्ट प्रत्याशी भाजपा दुगालखोला 57.71 51.94
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट के बूथों पर बढ़त
अल्मोड़ा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नैनीताल-यूएसनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी व रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के रानीखेत स्थित बूथों पर मतदान प्रतिशत में सुधार हुआ है। रानीखेत में करन माहरा के बूथ पर 53.27 तो अजय भट्ट के बूथ पर 57.71 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

कुंजवाल के बूथ पर भी कम पड़े वोट
अल्मोड़ा के जागेश्वर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल अल्मोड़ा जिले में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। इस लोकसभा चुनाव में वह भी मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने में पिछड़ गए। उनके अपने बूथ पर सिर्फ 46.40 प्रतिशत मतदाता पहुंचे।