उत्तराखंड में जान जोखिम में डाल निकाली बारात, मंडप के नीचे दुल्हन की सांसें थमीं

In Uttarakhand, the wedding procession took out risking life, the bride stopped breathing under the pavilion.
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देवाल: देवाल ब्लॉक के दूरस्थ गांव वलाण के भरानी और घट गाड़ गधेरे में पुल नहीं होने से बारातियों सहित वर-वधू जान जोखिम डालकर करके घर पहुंचे। यदि गांव के लिए मोटर मार्ग और गदेरे पर पुल बना होता तो लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। मोटर मार्ग और पुल नहीं होने से परेशान हो चुके इस गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था। गांव के एक भी मतदाता ने वोट नहीं डाला।

वलाण के उप प्रधान विरेन्द्र राम कनियाल ने बताया कि सोमवार को गांव के ही आलम राम की पुत्री बसंती की बारात सवाड गांव से आ रही थी। रास्ते में घट गधेरा पड़ता है, जिस पर पुल नहीं है। ग्रामीणों ने गधेरा पार करने के लिए पेड़ के तने को जरिया बना रखा है। लोग जान जोखिम में डालकर आने-जाने को मजबूर हैं। वर-वधू समेत बारातियों ने भी जान जोखिम में डालकर नदी पार की।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि मोटर मार्ग और गधेरे पर पुल बन जाता तो इतनी मुश्किल नहीं होती। उप प्रधान ने बताया कि बरसात में मुश्किल और बढ़ जाती है क्योंकि उस दौरान गधेरा उफान पर रहता है। तब ग्रामीणों को पांच किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। साथ ही उस रास्ते से वलाण गांव जाने पर खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।

उधर, सवाड गांव के खिलाफ राम ने बताया कि पेड़ के तने से घट गाड़ गधेरा पार करने में बहुत डर लगता है। जान जोखिम में डालकर बारात को गधेरा पार कराया गया। क्षेत्र के लोग वर्षों से इस गदेरे पर पुल बनवाए जाने की मांग करते आ रहे हैं।

चुनाव बहिष्कार जारी रहेगा वलाण गांव की प्रधान कविता देवी और ग्रामीण प्रताप बिष्ट, महावीर राम, केदार सिंह, मदन राम, बचुली देवी, बसंती देवी, नरेंद्र राम आदि ने कहा कि गांव जाने के लिए कठिन रास्ता और गधेरे पर पुल नहीं होने से लोग उनके गांव में रिश्ता करने से भी बचते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि मोटर मार्ग और पुल का निर्माण होने तक गांव के लोग किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेंगे।