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लखनऊ। एमएलसी चुनाव में पश्चिमी उप्र की सातों सीट पर भाजपा ने धमाकेदार जीत हासिल की है। यह तब हुआ जब पश्चिम यूपी में विपक्ष मजबूत स्थिति में है और उसने विधानसभा चुनाव इन सात सीटों के क्षेत्र में भाजपा को तगड़ी टक्कर दी है। बावजूद इसके कमजोर रणनीति एक बार फिर विपक्ष को ले डूबी।
मेरठ-गाजियाबाद सीट पर मुकाबला कड़ा माना जा रहा था। कारण, यहां भाजपा के उम्मीदवार धर्मेंद्र भारद्वाज के सामने रालोद के सुनील रोहटा मैदान में थे। रालोद का सपा के साथ गठबंधन है। दरअसल सुनील विधानसभा चुनाव में भी मेरठ की सिवालखास सीट पर टिकट के दावेदार थे पर यह सीट सपा के खाते में गई थी।
मेरठ की सात में चार सीटों पर रालोद सपा गठबंधन जीता। महापौर यहां पहले से ही विपक्ष की हैं। लेकिन, एमएलसी चुनाव में भाजपा के धर्मेंद्र को 3710 वोट जबकि रालोद के सुनील को मात्र 277 वोट मिल पाए। मुरादाबाद-बिजनौर सीट पर पूर्व सांसद सत्यपाल सैनी इस बार भाजपा की ओर से चुनावी रण में उतरे थे।
सामने सपा के अजय मलिक थे। मुरादाबाद में भी विपक्ष बेहद मजबूत है। विधानसभा चुनाव में यहां की छह में से पांच सीटें सपा के कब्जे में हैं। उधर इससे जुड़े जिले बिजनौर में भी विपक्ष ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यहां आठ में से चार सीट सपा के पास हैं। नगर पालिका अध्यक्ष भी यहां सपा की हैं। बावजूद इसके यहां सत्यपाल सैनी शानदार चुनाव जीते। उन्हें 6610 जबकि अजय मलिक को 1107 वोट मिले।
इसी तरह से मुजफ्फरनगर-सहारनुपर सीट पर भी गणित तो विपक्ष का ठीक ही था पर यहां भी सपा उम्मीदवार आरिफ बुरी तरह से हारे। उन्हें मात्र 842 वोट मिले जबकि विजेता भाजपा की उम्मीदवार वंदना वर्मा को 3843 वोट मिले। विधानसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर में चार सीटें गठबंधन के पास हैं। उधर रामपुर-बरेली सीट पर भाजपा के कुंवर महाराज सिंह ने सपा के मशकूर अहमद को 3826 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। आगरा-फिरोजाबाद सीट पर भाजपा के विजय शिवहरे ने दिलीप यादव को भारी मतों से हराया।
दो सीटों पर निर्विरोध ही जीती भाजपा
इसके अलावा पश्चिमी यूपी में दो सीटें ऐसी रहीं जहां भाजपा उम्मीदार निर्विरोध ही जीत गए। बुलंदशहर सीट पर नरेंद्र भाटी को जीत मिली। चुनाव से ऐन पहले नरेंद्र सपा छोड़कर भाजपा में आए थे। यहां से रालोद की सुनीता शर्मा को उम्मीदार घोषित किया गया था पर उन्होंने अपना पर्चा वापस ले लिया और वह भाजपा में शामिल हो गईं। इसी तरह से अलीगढ़ सीट पर ऋषिपाल निर्विरोध चुनाव जीते। यहां सपा प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया था।