This is India’s biggest flop movie: इस साल बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में आईं जिन पर प्रोड्यूसर्स ने करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए लेकिन वे मुनाफा नहीं कमा सके. राधेश्याम, आदिपरुष, लाल सिंह चड्ढा, सम्राट पृथ्वीराज, तेजस और फिर गणपत भी सुपर डिजास्टर साबित हुई. ये वो फिल्में हैं जिनका बजट 100 से 600 करोड़ रुपए था लेकिन ये बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिटीं. अब इन दिनों एक और नई फिल्म आई है और उसे भी बड़े पैमाने पर बनाया गया था लेकिन व भी बुरी तरह से फ्लॉप हो चुकी है.
जिस नई फिल्म को लेकर हम यहां बात कर रहे हैं उसे 45 करोड़ रुपए के बजट से बनाया गया था लेकिन वो पहले दिन ही फिसड्डी साबित हो गई. ये फिल्म तो कंगना रनौत की तेजस से भी बड़ी डिजास्टर साबित हुई है और उसमें कपूर खान- खान के मशहूर स्टार ने लीड रोल प्ले किया था.
दरअसल, वो फिल्म है अर्जुन कपूर और भूमिका पेडनेकर स्टारर द लेडी किलर है जो 3 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. इस मूवी ने पहले दिन सिर्फ 38 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया और इसके केवल 293 ही टिकट बिके थे. इस फिल्म के घटिया प्रदर्शन को लेकर फैंस सोशल मीडिया पर लगातार कमेंट कर रहे हैं. इसके शो एक खाली जा रहे हैं और लोग एक बार फिर अर्जुन कपूर को ट्रोल कर रहे हैं. 45 करोड़ रुपए में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 1 लाख रुपए से भी कम कमाई की क्योंकि इसे अधूरा रिलीज़ किया गया था और इसके स्टार्स ने फिल्म का प्रचार भी नहीं किया था.
अजय बहल की क्राइम थ्रिलर द लेडी किलर का 2023 तक चलता रहा. रिपोर्ट के अनुसार, 45 करोड़ रुपए के बजट में बनी, द लेडी किलर के शूटिंग शेड्यूल में पोस्टपोन के कारण प्रोडक्शन में कुछ देरी हुई. इसका मतलब यह हुआ कि अक्टूबर तक, फिल्म अभी भी अधूरी ही थी जिसे जल्दबाजी में रिलीज किया गया है.
ऐसी खबरें थीं कि शूटिंग खत्म करने के लिए नवंबर में फाइनल शेड्यूल किया जाएगा. हालांकि, फिल्म के निर्माताओं ने आश्चर्यजनक रूप से एक ट्रेलर जारी किया और फिल्म रिलीज की घोषणा की. फिर द लेडी किलर पूरे भारत में सिर्फ एक दर्जन थिएटरों में रिलीज हुई और पहले दिन ही बॉक्स ऑफिस पर धड़ाम गिरी. इसका लाइफटाइम कलेक्शन एक लाख से कम है, जो फिल्म के लिए निराशाजनक है. ये भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे पड़ी डिजास्टर बन चुकी है.
कुछ तर्क हैं कि जिस हास्यास्पद तरीके से द लेडी किलर को रिलीज़ किया गया है, उसे थ्रिएटिकल रिलीज़ के रूप में गिना जाना चाहिए. फिल्म का कुल बॉक्स ऑफिस राजस्व इसकी लैंडिंग लागत का 0.1% तक भी नहीं पहुंच पाएगा. उस तर्क के अनुसार, यह भारतीय सिनेमा में अब तक की सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस डिजास्टर है. लेकिन क्या यह सचमुच ऐसा कहलाने लायक है? रिलीज़ को सीमित करना निर्माताओं की पसंद थी. हो सकता है कि ओटीटी के साथ निर्माताओं को फिल्म से लाभ हो लेकिन इसे बाहर किया जाना चाहिए. क्योंकि ये अधूरी कहानी से ये न केवल दर्शकों को धोखा दे रही बल्कि पूरे उद्योग का भी मजाक बनवा रही है.