जोशीमठ के हालात और खतरनाक हुए, 24 घंटे में आई 14 घरों में दरारें, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

Joshimath's situation became more dangerous, cracks in 14 houses in 24 hours, know what happened so far
Joshimath's situation became more dangerous, cracks in 14 houses in 24 hours, know what happened so far
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जोशीमठ: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ में मकानों में दरारों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में 14 नई इमारतों में दरारों की पहचान की गई। इसके साथ ही लाल निशान वाले असुरक्षित भवनों की संख्या बढ़कर 863 हो गई है। खतरे को देखते हुए शुक्रवार को 10 परिवारों के 33 सदस्यों को राहत शिविर में शिफ्ट किया गया। भूवैज्ञानिकों की तकनीकी टीम ने 181 इमारतों को असुरक्षित जोन में रखा है। सुरक्षा की दृष्टि से अब तक जिला प्रशासन द्वारा 269 परिवारों के 900 सदस्यों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है।

जिला प्रशासन ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में रहने योग्य अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 89 स्थानों पर 650 कमरों की पहचान की है, जहां 2919 व्यक्तियों को रखा जा सकता है। दूसरी ओर, जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र के बाहर पीपलकोटी में 20 इमारतों के 491 कमरों को अस्थायी राहत शिविर के रूप में चुना गया है। यहां 2205 लोगों को ठहराया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से अब तक 500 प्रभावितों को 347.77 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। नगर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्ड संख्या एक, चार, पांच व सात के अधिकांश क्षेत्रों को असुरक्षित बताते हुए इन वार्डों को खाली करा लिया गया है।

दरारें होने लगीं चौड़ी
जोशीमठ में 2 जनवरी को भूस्खलन (Joshimath landslide) की घटना के कारण कई स्थानों पर जमीन और इमारतों में दरारें दिखने लगी और धीरे-धीरे दरारें चौड़ी होने लगीं। करीब 23 हजार की आबादी वाले शहर के निवासियों के लिए यह घटना एक बुरे सपने के समान हो गई है। इसको लेकर सरकार प्रभावित लोगों की रोजी-रोटी की भी चिंता कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून सचिवालय में जोशीमठ की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि केंद्र को भेजे जाने वाले राहत पैकेज के प्रस्ताव में आजीविका के बिन्दु को भी प्रमुखता से शामिल किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रभावित क्षेत्र से विस्थापित होने वालों के स्वरोजगार के लिए भी विस्तृत योजना बनाई जाए। इसके अलावा राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित परिवारों को ठंड से बचाने के लिए हीटर उपलब्ध कराने निर्देश दिए हैं। जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों पर मुख्यमंत्री धामी लगातार नजर बनाए हैं।

सभी निर्माण कार्यों पर लगी रोक
भूस्खलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने जोशीमठ में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी। इनमें एनटीपीसी की सभी परियोजनाएं, हेलंग बाईपास का निर्माण और नगरपालिका क्षेत्र में चल रहे सभी निर्माण शामिल हैं।