अभी अभीः पूर्व प्रधानमंत्री के घर छिपे 40 आतंकी! भारी हथियारों के साथ पुलिस ने घेरा, मचा हडकंप

Just now: 40 terrorists hiding in former Prime Minister's house! Police surrounded with heavy weapons, created a ruckus
Just now: 40 terrorists hiding in former Prime Minister's house! Police surrounded with heavy weapons, created a ruckus
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लाहौर: पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुखिया और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने फिर से नई मुसीबत खड़ी हो गई है। पाकिस्‍तान की मीडिया के मुताबिक उनके लाहौर स्थित जमान पार्क वाले घर में 30-40 आतंकवादियों ने शरण ले ली है। इस पर पंजाब प्रांत की सरकार ने पुलिस को भेजा है। पुलिस ने इमरान के घर को घेर लिया है तो सरकार ने आतंकियों को सौंपने के लिए 24 घंटे की सीमा दी है। यह घटना तब हुई है जब इमरान ने पीटीआई नेताओं की गैर-कानूनी गिरफ्तारी और उनके अपहरण को लेकर देश की सरकार पर हमला बोला है। पिछले एक हफ्ते से देश में राजनीति उथल-पुथल का माहौल है और इस नई घटना ने अस्थिरता को बढ़ा दिया है।

इमरान को मालूम है सबकुछ
पंजाब प्रांत के सूचना मंत्री आमिर मीर ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा, ‘पीटीआई को इन आतंकवादियों को सौंप देना चाहिए नहीं तो कानून अपना काम करेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इन आतंकियों की मौजूदगी के बारे में पता था क्योंकि उसके पास विश्वसनीय खुफिया रिपोर्ट्स थीं। मीर ने कहा कि जो खुफिया रिपोर्ट आई है, वह बहुत ही खतरनाक है। उन्होंने कहा कि एजेंसियां जियोफेंसिंग के जरिए जमान पार्क में आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि कर सकती है।

आतंकियों की तरह बर्ताव
मीर ने कहा कि पीटीआई अब एक ‘आतंकियों’ की तरह बर्ताव कर रही है। उनका कहना था कि पीटीआई प्रमुख इमरान एक साल से ज्‍यादा समय से सेना को निशाना बना रहे हैं। मीर का दावा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी से पहले हमले की योजना बनाई थी। मीर ने बताया कि आर्मी इंस्‍टीट्यूट पर नौ मई को हमले एक निर्धारित योजना के तहत किए गए थे। मीर का कहना है कि सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। प्रांत के मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा है कि उन्‍होंने पुलिस को फ्रीहैंड दिया है ताकि उपद्रवियों से निबटा जा सके।

मिलिट्री कोर्ट तय करेगी सजा!
मीर से जिन्‍ना हाउस पर हमले से जुड़ा सवाल भी पूछा गया। उनका कहना था कि जिन्ना हाउस पर हमले को आसानी से रोका जा सकता था। लेकिन मुख्यमंत्री ने पुलिस को हथियार प्रयोग करने से रोक दिया था। ताकि खूनखराबे को रोका जा सके। जिन्‍ना हाउस जो कि कोर कमांडर का आधिकारिक घर है, उस पर हमले के दौरान कई प्रदर्शनकारी घर के अंदर लोगों के संपर्क में थे। मीर ने आगे कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वालों का ट्रायल मिलिट्री कोर्ट में होगा।