टोक्यो : जापान ने कहा है कि चीन की सेना की तरफ से लॉन्च की गई पांच बैलिस्टिक मिसाइलें उसके इलाके में गिरी हैं। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के विरोध में चीन ताइवान के चारों ओर चार दिवसीय सैन्य अभ्यास कर रहा है। गुरुवार को जापान की सरकार ने कहा कि पांच बैलिस्टिक मिसाइलें जापान के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) में गिरी हैं जिन्हें चीन की सेना की तरफ से लॉन्च किया गया था। जापान ने इस कदम की निंदा की है। जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने कहा कि यह पहली बार है जब चीनी सेना से संबंधित बैलिस्टिक मिसाइलें जापान के पानी में गिरी हैं।
क्योडो न्यूज के मुताबिक किशी ने कहा, ‘यह एक गंभीर मुद्दा है जिसने हमारे देश की और हमारे लोगों की सुरक्षा के लिए चिंताएं पैदा कर दी हैं।’ जापान की सरकार ने चीनी सरकार के समक्ष राजनयिक विरोध भी दर्ज करवाया है। जापान के सबसे दक्षिणी द्वीप ओकिनावा के कुछ हिस्से ताइवान के करीब हैं। EEZ जापान के क्षेत्रीय जल की सीमा से परे समुद्री तट से 200 समुद्री मील तक फैला हुआ है। किशी ने कहा कि जापान का अनुमान है कि चीन ने नौ मिसाइलें दागी थीं जिनमें से पांच जापान के क्षेत्र में गिरीं।
‘चीन नहीं डरता है अमेरिका’
चीन ताइवान के चारों ओर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास कर रहा है। चीन ताइवान पर अपना दावा करता है और इस पर कब्जा करने की बात भी कह चुका है और इसके लिए जरूरत पड़ने पर वह ताकत का इस्तेमाल भी कर सकता है। इस मिलिट्री एक्सरसाइज की शुरुआत नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद हुई है जो मंगलवार को बीजिंग की कई चेतावनियों के बाद ताइपे पहुंची थीं। बुधवार को ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन के साथ उन्होंने संसद का दौरा किया और अपने संबोधन में साफ कर दिया कि अमेरिका चीन से डरता नहीं है।
ताइवान से ऊपर से गुजर रहीं चीन की मिसाइलें
चीन ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि उसकी नौसेना, वायु सेना और अन्य बलों का सैन्य अभ्यास पड़ोसी देश के आसपास छह क्षेत्रों में जारी है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने कहा कि ये अभ्यास ‘नाकेबंदी, समुद्री लक्ष्यों पर हमले, जमीनी लक्ष्यों पर हमले और वायुक्षेत्र नियंत्रण’ पर केंद्रित संयुक्त अभियान हैं। गुरुवार से शुरू हुए अभ्यास रविवार तक चलेंगे। ग्लोबल टाइम्स की मानें तो ये युद्धाभ्यास एक असाधारण युद्धाभ्यास है जिसमें पारंपरिक मिसाइलें पहली बार ताइवान के ऊपर से गुजरेंगी। साथ ही पीएलए की सेनाएं ताइवान की समुद्री सीमा में 12 नॉटिकल मील यानी 22 किलोमीटर अंदर तक दाखिल होंगी।